जौ की खेती कब करें , यहाँ जानिए सही समय और तरीका

Published Date: December 29, 2022

GEEKEN CHEMICALS :- दुनिया भर में जौ की खेती काफी समय से होती आ रही है। हमारे पूर्वज भी जौ को भोजन के रूप में ग्रहण करते आये है, इसके साथ ही जौ के दानें को पशुओं को खिलाने के लिए भी प्रयोग किया जाता है। भारत के लोग जौ की रोटी को बहुत पसंद करते है। अक्सर जौ का इस्तेमाल चने और गेहू को मिलकर के किया जाता है। गाँव के लोग जौ को पिसते है जिसके बाद सत्तू बनाकर या फिर भूनकर भी खाते है। कई जगह पर इसका प्रयोग शराब बनाने के लिए भी किया जाता है। जौ की खेती किसान भाइयों के लिए काफी फायदेमंद वाली खेती है क्योंकि जौ की फसल को बहुत ही आसानी से बेचा जा सकता है। जिसके कारण किसान भाई जौ की खेती में काफी दिलचस्पी दिखाते है। आज के इस ब्लॉग में हम बतानें जा रहें है की जौ की उत्तम खेती कैसे की जा सकती है और किसान भाइयों को इसका लाभ कैसे आसानी से प्राप्त हो सकता है।

किसान भाइयों आप यह ब्लॉग GEEKEN CHEMICALS के द्वारा पढ़ रहें है। हम आप तक कृषि जगत से जुडी सभी तरह की जानकारी को आसानी से पहचानें का काम करते है। आप हमारे इस ब्लॉग के माध्यम से फसलों में लगने वाले कीड़ों , रोगों , खरपतवार से जुडी जानकारी भी प्राप्त कर सकते है और इनको खत्म करने के लिए GEEKEN CHEMICALS के कीटनाशक का प्रयोग कर सकते है। अगर आप हमारे कीटनाशक को खरीदना चाहते है तो आप हमें कॉल (+91- 9999570297) भी कर सकते है। हम बहुत ही आसानी से आपके घर तक कीटनाशक पहुचानें का काम करते है। जीकेन कैमिकल BEST Agrochemical Industry in India में से एक है।

कैसी होनी चाहिए क्षेत्रफल :-

जौ की खेती को शीतोष्ण और समशीतोष्ण जलवायु में आसानी से किया जा सकता है , जौ का पौधा उष्णकटिबन्धीय होता है। अगर हम पूरे विश्व की बात करें तो ज्यादातर हिस्सों में जौ की खेती की जाती है। भारत के अलावा कनाडा, जर्मनी, संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, रूस, टर्की, पोलैण्ड, डेनमार्क, ग्रेट ब्रिटेन, जापान, रुमानिया, हंगरी, अर्जेंटीना, मोरक्को, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया ऐसे देश है, जहां पर जौ को विस्तृत रूप से उगाया जाता है | इसके साथ – साथ चीन भी इसकी खेती करने में प्रथम स्थान पर है वहीं भारत जौ की खेती के मामले में छठवें स्थान पर है। हमारे देश में 3.5% जौ उत्पादन किया जाता है |

अगर हम भारत की बात करें तो ज्यादातर राज्यों में जौ की खेती की ही जाती है। जौ की खेती के मायनें में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। इसके अलावा मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और बिहार राज्य में भी इसकी खेती प्रमुखता से की जाती है। जौ की खेती का 42% उत्पादन अकेले केवल उत्तर प्रदेश से ही की जाती है। अगर हम उत्तर प्रदेश की बात करें तो प्रयागराज , जौनपुर, आजमगढ़ और गोरखपुर जिला जौ की खेती का काफी अच्छा स्थान है | इन जिलों में जौ की खेती प्रमुखता से की जाती है और किसान अच्छा लाभ भी कमाते है।

कैसी होनी चाहिए जौ की खेती के लिए जलवायु :-

जौ की खेती समशीतोष्ण जलवायु में करना सबसे अच्छा माना जाता है। अगर आप समुद्र ताल से 4000 मीटर की ऊंचाई पर जौ की खेती करते है तो इसकी उपज काफी अच्छी होती है। इसकी खेती के लिए ठंडी व नम जलवायु सबसे अच्छी मानी जाती है। जौ की खेती आप ऐसे स्थान पर कर सकते है जहां पर 4 महीने तक ठण्ड का मौसम रहता है। अगर हम जौ के पौधे के लिए तापमान की बात करें तो पौधों के लिए न्यूनतम 35-40°F तापमान तथा अधिकतम 72-86°F तापमान सबसे अच्छा माना जाता है। जहाँ पर वार्षिक औसतन बारिश 70 से 100 CM होती है वहां के किसान भी इसकी खेती आसानी से कर सकते है। इसके अलावा कम वर्षा वाले क्षेत्र में भी जौ की खेती की जा सकती है। लेकिन किसान भाइयों को यह ध्यान रखना होगा की जौ की खेती ऐसी जगह पर न करें जहां जलभराव या फिर अधिक वर्षा होती हो।

यह भी पढ़ें :- जानिए कितने दिनों में फल देता है गुलाब का पौधा और इसे लगाने की सही विधि

जौ की खेती के लिए भूमि का निर्धारण :-

जौ की खेती के लिए अच्छे जल निकासी वाली जमीन होना जरुरी है। जहाँ पर जल निकासी की अच्छी व्यवस्था न हो वहां पर जौ की खेती बिल्कुल भी न करें। जौ की फसल के लिए ऊँची व रेतीली भूमि सबसे अच्छी मानी जाती है। ऊसर भूमि में भी हम जौ की खेती आसानी से कर सकते है। गेहू की फसल के मुकाबले जौ के खेत को कम तैयार किया जाता है। इसके लिए किसान एक जुताई मिट्टी पलटने के लिए और दो से तीन जुताई देशी हल या हैरो लगाकर आसानी से कर सकते है। खेतों में दिखने वाले ढेलो को तोड़ने के लिए और भूमि में नमी बनाये रखने के लिए किसान पाटा लगा सकते है। अगर किसान इस तरह से अपने खेत को तैयार करते है तो उन्हें अवश्य ही फायदा देखने को मिलेगा।

जौ के बीजो की बुवाई का तरीका

कुंड विधि द्वारा बुवाई :-

इस तरह से बुवाई करने पर पहले किसान कुंड तैयार करते है और हल के पीछे से हाथ से बीज को डालते है। इस विधि से बुवाई करने पर पक्ति समान गहराई में होनी चाहिए। ऐसे बुवाई करने पर बीज की मात्रा कम लगती है।
सीडड्रिल विधि द्वारा बुवाई :-

यह विधि बुवाई के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है। इस विधि में किसान ट्रैक्टर या बैलो द्वारा सीडड्रिल चलाकर अच्छे से बुवाई करते है।

जौ के फसल की कटाई-मड़ाई व पैदावार

जौ की फसल को हम बहुत कम समय में तैयार कर सकते है। इसके फसल की कटाई आप नवम्बर में कर सकते है। फसल को पकता देख आप कटाई शुरू कर दें अन्यथा इसके दानें जमीन पर गिरने लगते है। इस तरह से किसान भाई जौ की फसल से काफी अच्छी कमाई कर लेते है |

यह भी पढ़ें :- इस विधि से करें धनिया की खेती होगी ज्यादा पैदावार

निष्कर्ष :-

आज के इस ब्लॉग में हमने जाना कि जौ की खेती कैसे की जाती है। आशा है कि किसान भाइयों को हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। आप हमारे इस ब्लॉग को अपने सोशल मीडिया के माध्यम से जरूर शेयर करें , जिससे और भी किसान भाइयों तक यह जानकारी आसानी से पहुँच सकें। GEEKEN CHEMICALS के माध्यम से आप अपने फसल में लगने वाले कीड़ों को भी खत्म कर सकते है। हमारे कैमिकल को खरीदने के लिए आप हमें कॉल (+91 – 9999570297) भी कर सकते है। जीकेन कैमिकल BEST Agrochemical Industry in India में से एक है।