इस विधि से करें धनिया की खेती होगी ज्यादा पैदावार

Published Date: December 29, 2022

GEEKEN CHEMICALS :- धनिया की खेती हम मसाला फसल के रूप में करते है। इसके पौधे से हमें बीज और पत्तियां दोनों ही प्राप्त होती है जिसे हम सभी उपयोग में लातें है। धनिया की पत्ती को हम सब्जी में डालकर सब्जी को स्वादिष्ट बनाने और धनिया की चटनी बनाने के रूप में करते है। इसके बीज और पत्ते दोनों का ही उपयोग किया जाता है। धनिया में एक प्रकार की वाष्पशील तेल पाया जाता है , जो खानें वाली चीजों को स्वादिष्ठ बनाता है। इसके बीज का इस्तेमाल हम तेल, कैंडी, शराब, सूप को बनाने में भी किया जाता है। अब तो बड़ी – बड़ी कंपनियां इसके बीज से साबुन और खुशबूदार द्रव्य पदार्थो को भी बना रहे है।

अगर अपने देश की बात करें तो धनिया की खेती सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, आंध्रप्रदेश और उत्तर प्रदेश में की जाती है। इसके अंदर भी कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते है जिसमें कैल्शियम, आयरन, फाइबर, विटामिन-ए, सी, कैरोटिन और कॉपर प्रमुख है। डॉ बताते है कि धनिया के बीज को चबाना भी शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है इससे शुगर की बीमारी कम होती है। यदि आप धनिया की खेती करने जा रहें है तो , आज का यह ब्लॉग आपके लिए ही है आज हम आपको बताएँगे कि धनिया की खेती कैसे करें तथा इसमें लगने वाले प्रमुख रोग कौन – कौन से है और उन्हें इन रोगों से कैसे बचाया जा सकता है।

आप यह ब्लॉग GEEKEN CHEMICALS के द्वारा पढ़ रहे है। GEEKEN CHEMICALS लगातार कई वर्षों से फसल सुरक्षा के लिए अलग – अलग तरह का कीटनाशक बना रहा है। जिसके प्रयोग से किसान अपने फसलों की उत्पादन क्षमता को बढ़ा सकते है साथ ही इसमें लगने वाले कीड़ों , खरपतवारों को भी आसानी से ख़त्म कर सकते है। आप हमारे किसी भी कीटनाशक को आसानी से खरीद भी सकते है , इसके लिए आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीका प्रयोग कर सकते है।

धनिया की खेती के लिए जलवायु और मिट्टी :-

धनिया की खेती वहीँ पर करनी चाहिए जहाँ जल निकासी की व्यवस्था अच्छे से हो। इसकी खेती हम उपजाऊ भूमि पर अच्छे से कर सकते है। इसकी खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है। अगर कहीं पर अधिक पानी लगता है तो वहां पर काली मिट्टी में इसकी खेती करनी चाहिए।

धनिया के पौधे के लिए ठण्ड का मौसम सबसे अच्छा माना जाता है। इसलिए इसकी खेती शुष्क और ठण्ड के मौसम में करनी चाहिए। जब भी धनिया के पत्ते पर बीज आता है उसके लिए हल्के सर्द की जरुरत होती है। धनिया को सबसे ज्यादा हानि ठण्ड में गिरने वाले पाले से होती है। इसके पौधे के लिए अधिकतम 20 डिग्री तथा न्यूनतम 35 डिग्री तापमान की जरुरत पड़ती है।

जानिए कैसे करें धनिया के खेती की तैयारी

धनिया की खेती के लिए सबसे पहले गहरी जुताई करनी चाहिए इसके बाद कुछ दिनों के लिए खेत को ऐसे ही खुला छोड़ देना चाहिए। अगर आप खेत की पहली बार जुताई कर रहें है तो आपको 8 से 10 गाड़ी गोबर के खाद का प्रयोग करना चाहिए। जिसके बाद फिर से खेत को गहरी जुताई करनी चाहिए। इसकी वजह से गोबर का खाद खेत की मिट्टी में आसानी से मिल जाता है , जिससे पैदावार अच्छी होती है।

जब खाद पूरी तरह से मिट्टी में मिल जाती है तब इसमें पानी डालकर अच्छे से पलेव कर देना चाहिए। फिर कुछ दिनों तक खेत को ऐसे ही खुला छोड़ दें। इसके बाद आप चाहें तो फिर से जुताई करके इसमें रासायनिक खाद का प्रयोग करना चाहिए। अगर आप रोटावेटर लगाकर इसकी जुताई करवाते है तो मिट्टी और उपजाऊ हो जाती है और पैदावार भी अधिक होता है। वहीँ अगर आप पहली बार सिचाई कर रहें है तो खेत में नाइट्रोजन की आधी मात्रा दे सकते है। इसके आलावा कटाई के बाद खेत में यूरिया से छिड़काव किया जा सकता है।

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धनिया के बीज रोपाई का सही समय

धनिया के बीजों की रोपाई भी हम बीजों के अनुसार ही करते है। अधिक नमी वाले खेतों में हमें धनिया के 15 से 20 किलो बीज की जरूरत पड़ती है। अगर कम नमी वाले क्षेत्र में आप धनिया की बुवाई कर रहें है तो इसके लिए आपको 25 से 30 KG बीजो की आवश्यकता होती है| इसकी रोपाई खेतों में तैयार कतारों के रूप में की जाती है। इन कतारों को आप फावड़े से तैयार कर सकते है। इसकी रोपाई करते समय यह ध्यान रखना चाहिए की पंक्तियों के मध्य 30 CM की दूरी रखी जाती है, तथा बीजो के मध्य 10 CM की दूरी रखना जरुरी है। इसकी रोपाई के लिए जमीन में 4 CM की गहराई कर सकते है। अगर आप धनिया की खेती करने जा रहें है तो अक्टूबर से दिसंबर का महीना इसके लिए सबसे अच्छा माना जाता है।

धनिया के फसल की सिंचाई (Coriander Crop Irrigation)

अगर आपने धनिया के बीज की रोपाई कम नमी वाले स्थान पर की है तो उन्हें रोपाई के तुरंत बाद सिचाई कर देना चाहिए। इसके आलावा आप फसल को उतना ही पानी दें जितना उसे जरूरत हो अगर आप आवश्यकता से अधिक पानी देंगे तो पूरी फसल सड़ जाती है। वहीँ धनिया के लिए 5 -7 सिचाई की जरुरत पड़ती है।

धनिया के पौधे में लगने वाले प्रमुख रोग और उनका आसान उपचार :-

चेपा रोग

इस तरह का रोग ज्यादातर पौधों में कीटों के रूप में दिखाई पड़ता है। चेपा रोग जब भी पौधे में फूल आता है तभी आक्रमण करते है। इस तरह का रोग अक्सर हमें गर्मी के मौसम में देखने को मिलता है। इस रोग से प्रभावित होने के बाद पौधे पिले रंग के होने लगते है और इसमें छोटे कीट दिखाई पड़नें लगते है। यह कीट रोग पौधों के रस को पूरी तरह से चूसते है और खत्म कर देते है। इस रोग के रोकथाम के लिए आप GEEKEN CHEMICALS का प्रयोग कर सकते है। GEEKEN CHEMICALS ने चेपा रोग को ख़त्म करने के लिए ऐसा कवकनाशी कैमिकल बनाया है जो पूरी तरह से इस रोग को ख़त्म कर इसकी पैदावार को बढ़ाएगा। GEEKEN CHEMICALS के द्वारा बनाये हुए इस कैमिकल का नाम है Mustafa (Imidacloprid 17.8% SL) . जिसे आप आसानी से ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से खरीद सकते है।

भभूतिया

यह रोग धनिया के पेड़ों पर कवक के रूप में नुकसान पहुँचाती है। जब भी यह रोग पौधों की पत्तियों पर आक्रमण करते है तो शुरू में इनका रंग सफ़ेद हो जाता है और कुछ समय बाद यह पीले पड़कर सड़ने लगते है। यह रोग पूरी तरह से पौधे को खतम कर देता है इसलिए जब भी यह रोग दिखाई पड़े तुरंत इसमें रासायनिक कीटनाशक का प्रयोग करना चाहिए।

दोस्तों आपने ऊपर पढ़ा की यह कितना खतरनाक रोग है। इसलिए जल्द से जल्द फसलों की सुरक्षा हमें इस रोग से करनी चाहिए। इसके लिए आप GEEKEN CHEMICALS का बना कीटनाशक Bonanza​ (Thiophanate Methyl 70% WP) का प्रयोग कर सकते है। यह फसलों पर बहुत जल्द असर करके रोगों को ख़त्म करता है। आप इसे अपने नजदीकी बाजार में आसानी से खरीद सकते है।

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निष्कर्ष :-

आज के इस ब्लॉग में हमने जाना की धनिया की खेती कैसे की जाती है। आशा है कि किसान भाइयों को हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। आप हमारे इस ब्लॉग को अपने सोशल मीडिया के माध्यम से शेयर भी कर सकते है। अगर आप GEEKEN CHEMICALS से जुडी कोई अन्य जानकारी चाहते है तो आप हमारे सलाहकार को कॉल(+91-9999570297) भी कर सकते है।