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पालक हरी सब्जियों को प्रमुख फसल है , इसकी खेती भारत में बहुत बड़े भू – भाग में की जाती है।  पालक में भरपूर मात्रा में आयरन पाया जाता है , जिससे इसकी मांग भी हमेशा रहती है।  पालक को हम अलग – अलग तरह की सब्जियों में मिलाकर भी बना सकते हैं।  पालक के पकोड़े खाना हर किसी को पसंद है और आज कल तो हमारे बाजारों में पालक की पनीर भी खासा फेमस हो रही है। पालक का प्रयोग रायता बनाने के लिए भी किया जाता है , इसलिए इसकी मांग भी बाजारों में हमेशा रहती है।  किसान भाइयों के लिए भी पालक एक फायदेमंद खेती है , जिसकी खेती किसान ठंड के मौसम में आसानी से कर सकते है। आज के इस ब्लॉग में हम आपको बतानें वाले है कि पालक की खेती कैसे और कब की जाती है।  किसान भाइयों आप हमारे इस ब्लॉग को पूरा पढ़िएगा और अच्छा लगे तो शेयर भी करिएगा। 

 आप यह ब्लॉग GEEKEN CHEMICALS के द्वारा पढ़ रहें है।  हम आपके लिए कृषि जगत से जुडी जानकारी पहुचानें का काम करते है।  GEEKEN CHEMICALS एक बेहतर कीटनाशक बनाने वाली कंपनी भी है। किसान हमारे द्वारा बनें कीटनाशक का प्रयोग करके अपने फसलों का उत्पादन बेहतर तरीके से कर सकते हैं। GEEKEN CHEMICALS इस तरह से कीटनाशक बनाता है , जिससे न ही पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है और न ही फसल को इसलिए अगर आप भी फसल का बेहतर उत्पादन चाहतें है तो GEEKEN CHEMICALS का प्रयोग कर सकते हैं। 

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Contents

 पालक की खेती

पालक हमारे देश की प्रमुख सब्जी फसल में से एक है, इसकी खेती करके किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते है।  पालक का उपयोग है हम अलग – अलग तरह की चीजों में करते है।  डॉ की मानें तो आयरन की कमी और खून की कमी को पूरा करने में भी पालक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।  किसान अपने खेतों में अलग – अलग फसलों के साथ इसकी खेती आसानी से कर सकते हैं।  भारत में पालक की खेती गार्डन में भी की जाती है। पालक की खेती ठंड के मौसम में की जाती है , ठण्ड के मौसम में पालक के पत्तियों की बढ़वार अधिक होती है , जबकि तापमान के बढ़नें पर इसकी बढ़वार रुक जाती है , इसलिए जनवरी के महीने में इसकी खेती करना काफी फायदेमंद माना जाता है।  किसान इसकी खेती मध्यम जलवायु में भी आसानी से कर सकते है।

पालक का बीज कहां खरीदें 

किसान भाइयों अगर आप पालक की खेती कर रहें है तो इसके बीज को अपने नजदीकी बाजार में जाकर आसानी से खरीद सकते है।  हमारे बाजारों में पालक की अलग – अलग तरह के बीज उपलब्ध है , जिसका चुनाव करके किसान इसकी खेती कर सकते है।  किसान भाइयों को इसके बीज का चुनाव करते हुए यह ध्यान रखना होगा की बीज पूरी तरह से प्रमाणित हो , नहीं तो कई बार इन बीजों की वजह से खरपतवार उगने लगते है।  आज के समय में कई कंपनियां इसके बीज का ऑनलाइन भी सप्लाई करती है ऐसे में किसान घर बैठे ही इन बीजों को आसानी से मंगा सकते है।  बीज का चुनाव हमेशा अपने विश्वशनीय दुकान से ही करनी चाहिए। 

पालक की बुवाई कब करें?

 किसान भाइयों वैसे तो पालक की बुवाई वर्षभर की जाती है लेकिन दिसंबर – जनवरी का महीना इसकी खेती के लिए सबसे ज्यादा अच्छा माना जाता है। भारत की अगर हम बात करें तो पालक की बुवाई अलग – अलग राज्यों के हिसाब से भी की जाती है। किसान भाइयों के लिए पालक की खेती ठंड के महीने में सबसे अच्छी मानी जाती है। किसान अगर दिसंबर के महीने में इसकी खेती कर रहें है तो फसल को पाले से बचाने की जरूरत पड़ सकती है। 

पालक के लिए भूमि का चयन

किसान भाइयों किसी भी फसल के लिए भूमि का चयन करना बहुत जरुरी है।  भूमि का चयन अगर सही तरीके से नहीं किया जाता है तो पूरी की पूरी फसल बर्बाद हो जाती है। इसकी खेती के लिए उचित जलनिकासी वाली चिकनी मिट्टी की जरूरत पड़ती है। ऐसे में किसान बेहतर खेती के लिए अच्छे से भूमि का चुनाव कर सकते है।  पालक की खेती के लिए भूमि का का पी एच मान 6 -7 के मध्य होना चाहिए।   अगर किसान इस पी एच मान पर खेती करते है तो अधिक फायदा हो सकता है। 

पालक की बुवाई का सही तरीका

 किसान भाइयों पालक की बुवाई छिटकाव विधि से करना सही होता है। पालक की खेती से अधिक पैदावार पाने के लिए इसकी बुवाई पंक्तियों में करनी चाहिए।  किसान इसकी बुवाई करते समय दूरी का विशेष रूप से ध्यान रखें।  पालक के बीज को हमेशा 2 -3 फिट के गहराई में बोना चाहिए , इससे अधिक गहराई में बुवाई करने पर पैदावार कम हो जाती है। 

पालक की कब-कब करें सिंचाई

किसान भाइयों किसी भी फसल को पानी की जरूरत हमेशा पड़ती है , बिना पानी के कोई भी फसल अच्छी पैदावार नहीं दे सकती है।  अच्छी पैदावार के लिए और फसलों में लगे रोग को खत्म करने के लिए सिचाई करना बहुत जरुरी है। किसान अगर पालक की खेती कर रहें है तो सिचाई का विशेष रूप से ध्यान रखें, क्योंकि पालक एक पत्ती वाली सब्जी है और इसके बड़े होने में पानी का विशेष योगदान है।  पालक के बीज में अच्छी अंकुरण के लिए बुवाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई कर दें।  पालक की फसल अगर बड़ी हो रही है तो जमीन में नमी बनाए रखें।  पालक की बुवाई के बाद 15 दिन के भीतर जरुरत के अनुसार सिंचाई करते रहें। 

खरपतवार नियंत्रण

किसान भाइयों पालक की फसल में खरपतवार ज्यादा उगता है इसलिए इसकी सुरक्षा करना भी हम सभी की जिम्मेदारी है।  इसके खरपतवार को खत्म करने के लिए पहले तो दो – तीन गुड़ाई करनी चाहिए।  गुड़ाई करने से मिट्टी को अच्छे से हवा मिलती है और मिट्टी के अंदर ही कई तरह के कीट खत्म हो जाते है।  अगर खरपरवार ज्यादा है तो किसान BEST Agrochemical Companies in INDIA के द्वारा अपने खरपतवारनाशी कैमिकल का प्रयोग कर सकते है।  GEEKEN CHEMICALS आज के समय में सबसे अच्छी खरपतवारनाशी प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी है।  10 लाख से भी ज्यादा किसान आज के समय में अपना भरोसा GEEKEN CHEMICALS पर जता रहें है।   GEEKEN CHEMICALS ने इस तरह के कहरपतवार को खत्म करने के लिए बनाया है ,,,,,,,,जो जमीन के अंदर तक जाकर खरपतवार को उगने से रोकता है। 

कब करें पालक की कटाई

किसान भाइयों फसल की कटाई भी हमें समय से कर लेनी चाहिए , अगर फसल की कटाई में आप देरी करते है तो फसल सूखने लगती है या फिर अलग – अलग तरह के रोग इसकी पैदावार कम कर देते है।  पालक की कटाई हमेशा पत्तियों के 15 से 30 सेमी लंबी होने पर करनी चाहिए। पालक के पत्तियों की कटाई हमें कोमल और रसीली अवस्था होने पर ही करनी चाहिए।  किसान चाहें तो पालक की एक बार बुवाई करके 5 -6 बार आसानी से कटाई कर सकते है। 

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निष्कर्ष 

आज के इस ब्लॉग में हमनें पालक की खेती के बारे में जानकारी हांसिल की।  आशा है कि किसान भाइयों को यह जानकारी पसंद आई होगी। जनवरी का महीना पालक की बुवाई के लिए अच्छा माना है , किसान इस महीने में इसकी खेती करके अच्छी पैदावार कर सकते है।  किसान भाई अगर आप अपने फसल का बेहतर उत्पादन चाहतें है ,अगर आप चाहते है कि आपके फसल की पैदावार बिना किसी रोग के हो , किसान की फसल में अगर बार – बार खरपतवार उग रहा है तो किसान GEEKEN CHEMICALS का प्रयोग करके इन खरपतवारों को खत्म कर सकते है। किसान GEEKEN CHEMICALS के द्वारा बनें कीटनाशक प्रोडक्ट को खरीदना चाहते है तो हमारे नंबर (+91 – 9999570297)पर कॉल करें।