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नवम्बर का महीना किसान भाइयों के लिए सबसे अच्छा महीना माना जाता है। त्यौहार खत्म होने के बाद किसान अपने फसल की बुवाई और कटाई की तैयारी में जुट जातें है। इस महीने में किसान रबी के फसल को लगाते है और खरीफ के फसल की कटाई करते है। फसल के इस चक्र में अगर किसी का सबसे ज्यादा योगदान है तो वह है मौसम का क्योंकि भारत में मौसम के हिसाब से ही खेती की जाती है। मसल उत्पादन के लिए किस महीने कौन से फसल की खेती करनी चाहिए यह आज हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से बताएँगे।

ठंड के इस मौसम में हम लहलहाती रबी की फसलों की खेती करते है लेकिन ज्यादा ठण्ड इन फसलों को ख़राब कर देती है , जिससे किसान भाइयों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ता है। किसान भाइयों को हमेशा अपने फसल की बुवाई से पहले मिट्टी की अच्छे से जाँच करवा लेनी चाहिए, उसके बाद बुवाई करवानी चाहिए। किसान भाइयों की सुविधा को देखते हुए हम हर माह की जानें वाली फसलों की खेती की जानकारी उपलब्ध करवाते है , जिससे वह बेहतर तरीके से अपने फसल की बुवाई कर सकें। इस क्रम में हम आज के इस ब्लॉग में बतानें जा रहें है की कौन-कौन सी वह फसलें है जिसकी खेती नवंबर के महीने में की जा सकती है। इसके साथ ही हम इसमें लगने वाले रोगों और उनके बचाव की भी जानकारी प्रदान करेंगे।

दोस्तों आप यह ब्लॉग GEEKEN CHEMICALS के माध्यम से पढ़ रहें है। GEEKEN CHEMICALS सबसे अच्छे तरीके का कीटनाशक बनाने वाली कंपनी में से एक है। आज भारत के कई राज्यों में हमारी ब्रांच है, जो लगातार बेहतर तरीके का कीटनाशक का उत्पादन कर रही है। आप अपने फसल की सुरक्षा के लिए हमारे कीटनाशक को खरीद सकते है। इसे खरीदने के लिए आप हमें कॉल कर सकते है या फिर ऑनलाइन तरीका भी आजमा सकते है।

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Contents

नवंबर में करें गेहूं की खेती

दीपावली तक किसान धान की कटाई करके गेहूं की बुवाई करना शुरू कर देता है। गेहू की खेती के लिए किसान भाइयों को यह ध्यान देना होगा की मिट्टी भुरभुरी हो जाये और ढेले खेत में न रहें। किसान गेहूं की बुवाई 30 नवम्बर तक आराम से कर सकते है , इसके बाद करने पर पाले का खतरा ज्यादा होता है। गेहू की प्रमाणित और शोधित बीज ही बोना चाहिए। इससे खेत में खरपतवार उगने का खतरा कम ही होता है। भारत में चावल की खेती के बाद सबसे ज्यादा किसान गेहू की खेती करते है। कृषि एक्सपर्ट की मानें तो 13 प्रतिशत फसली क्षेत्रों में गेहूं की खेती की जाती है। गेहूं प्रोटीन, विटामिन और कार्बोहाइड्रेटस का समृद्ध स्त्रोत है , जिससे हमें संतुलित भोजन प्राप्त होता है। रूस, अमरीका और चीन के बाद भारत ही है जो गेहू का सबसे ज्यादा उत्पादन करता है।

गेहू की फसल में लगने वाले हानिकारक कीट और रोकथाम

चेपा : गेहूं की फसल में लगने वाले कीट बहुत ही खतरनाक होते है। इन्ही कीटों में शामिल है चेपा कीट , जो एक तरह का रसा चूसने वाला कीट है। यदि इस कीट का आक्रमण एक साथ ज्यादा संख्या में होता है तो यह पत्तों के पीलेपन को सूखा देता है। कृषि एक्सपर्ट की मानें तो आधी जनवरी के बाद और फसल के पकने के समय यह आक्रमण करता है। किसान समय रहते अगर इसकी देखभाल नहीं करते है तो यह पूरी फसल को खत्म कर किसान भाइयों के पैदावार को नुकसान पहुंचाता है।

रोकथाम

जब भी यह कीट आपके फसल में दिखाई पड़ें तो किसान भाइयों को GEEKEN CHEMICALS के द्वारा बनें कीटनाशक का प्रयोग करना चाहिए। GEEKEN CHEMICALS फसल की बेहतर तरीके से सुरक्षा के लिए लेकर आया है अपना सबसे बेहतरीन कीटनाशक Mustafa (Imidacloprid 17.8% SL) जो जल्द से जल्द फसल में लगने वाले कीटों को खत्म करता है और उत्पादन क्षमता को बढ़ाता है।

नवंबर में करें जौ की खेती

जौ की खेती किसान नवंबर के प्रथम सप्ताह से लेकर आखिरी महीने तक आसानी से कर सकते है। इसके लिए भी किसान भाइयों को प्रमणित बीज का ही प्रयोग करना अच्छा माना जाता है। अगर जौ की खेती के लिए मिट्टी चयन की बात करें तो बलुई दोमट मिट्टी का प्रयोग करके फसल के उत्पादन क्षमता को बढ़ा सकते है। हमेशा खेत का चयन करते समय यह ध्यान रखना चाहिए की जिस खेत में इसकी फसल की बुवाई करने जा रहें हो वहां ज्यादा खरपतवार न हों और खेत में जल निकासी की अच्छे से व्यवस्था होनी चाहिए। जौ की बुवाई के लिए किसान 15 दिन पहले खेत की तैयारी कर सकते है। अगर सिचाई की बात करें तो जौ की फसल को 5 -6 सिचाई की जरूरत पड़ती है।

जौ की फसल में लगने वाले हानिकारक कीट और उनका रोकथाम

 

जौ के प्रमुख कीट और रोकथाम

 

माहू कीट

जौ की फसल में सबसे ज्यादा खतरा माहू कीट से होता है। यह कीट जौ के पूरी पत्ते पर पाई जाती है। माहू कीट जौ के पौधे पर मॉल का त्याग करता है, जिसके कारण पत्तियों पर चिपचिपाहट पैदा होती है और फसल को नुकसान पहुचनें लगता है। माहू कीट अपने मुंह का प्रयोग करके पत्तियों के रस को चूसते है और उन्हें कमजोर कर देते है। कुछ समय के बाद जौ की पत्तियां झुलसकर सूखने लगती है। इस कीट के कारण जौ के उत्पादन पर भारी प्रभाव पड़ता है। अगर देखा जाये तो इस कीट का सबसे ज्यादा प्रकोप जनवरी के महीने में होता है वह भी तब जब पौधे की कुंड बढ़ने लगती है।

कृषि एक्सपर्ट की मानें तो किसान जितनी देरी से जौ की बुवाई करंगे फसल में उतना ज्यादा माहू का प्रकोप होगा। इसके लिए किसान को हमेशा अपने फसल की देखभाल करते रहना चाहिए अगर जरा भी उन्हें इस कीट के आक्रमण की शंका हो तुरंत दवाई का प्रयोग करना चाहिए। जिससे फसल की अच्छी पैदावार की जा सकें।

रोकथाम

जैसा कि किसान भाइयों हमनें ऊपर ही बताया की जौ की फसल के लिए यह कीट बहुत ही हानिकारक है। इसके बचाव के लिए किसान GEEKEN CHEMICALS के कीटनाशक का प्रयोग कर सकते है। अगर आपके जौ की फसल में माहु कीट का प्रकोप है तो आप GEEKEN CHEMICALS के द्वारा बनें कीटनाशक Mustafa (Imidacloprid 17.8% SL) का प्रयोग कर सकते है। हमारा कीट नाशक बाजार में आपको आसानी से मिल जायेगा। GEEKEN CHEMICALS BEST Pesticides Manufacturers in Uttar Pradesh कंपनी में से है।

राई की बुवाई

राई की खेती तेलीय फसल के रूप में किया जाता है। इसकी फसल से निकलने वाले खाद्य तेल का प्रयोग हम भोजन बनाने तथा खली का प्रयोग हम जानवरों के लिए चारें के रूप में प्रयोग करते है। अगर तय समय के अनुसार राई की खेती की जाए तो अच्छी पैदावार की जा सकती है। राई की फसल को हमेशा गहरी जुताई करके ही बोना चाहिए। किसान भाइयों को हमेशा इस बात का ध्यान रखना होगा की बीज की बुवाई ऐसी जगह पर करें जहां पर खेत में ज्यादा पानी न लगता हो। राई के बीजो की बुवाई के लिए 25 अक्टूबर से 20 नवम्बर तक का समय सबसे अच्छा माना जाता है। अगर इस समय किसान राई की खेती करते है तो बेहतर तरीके का फसल उत्पादन किया जा सकता है।

राई की फसल में लगने वाला प्रमुख कीट

काला धब्बा या पर्ण चित्तीः यह रोग भी राई की फसल को बहुत नुकसान पहुंचाता है। इस रोग के कारण सरसों की फसल पर गहरे गोल रंग के धब्बे दिखाई पड़ते है, जो कुछ समय के बाद बढ़कर काले और बड़े आकार के हो जाते है। इसके कारण राई की पत्तियां सुखकर गिरने लगती है और फसल को भी बहुत नुकसान पहुँचता है। समय रहते अगर किसान इस कीट का उपचार नहीं करते तो पूरी फसल बर्बाद हो जाती है।

रोकथाम

किसान भाइयों अगर आपके राई की फसल में इस तरह के कीटों का प्रकोप दिखाई पड़े तो आप GEEKEN CHEMICALS के द्वारा बनें कीटनाशक का प्रयोग करके अपने फसल की उत्पादन क्षमता को बढ़ा सकते है। इस तरह के रोग को खत्म करने के लिए आप अपने नजदीकी बाजार से GEEKEN CHEMICALS के द्वारा बना कीटनाशक Kenzeb (Mancozeb 75% WP) को खरीद कर आसानी से प्रयोग कर सकते है। GEEKEN CHEMICALS BEST Pesticides Manufacturers in India कंपनी में से है।

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निष्कर्ष

आज के इस ब्लॉग में हमनें जाना की नवम्बर के महीने में किसान किन फसलों की खेती कर सकते है। आशा है कि किसान भाइयों को हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। आप हमारे इस ब्लॉग को अपने सोशल मीडिया के माध्यम से शेयर भी कर सकते है, जिससे और भी किसान भाइयों तक हमारी यह जानकारी आसानी से पहुँच सकें। अगर आप भी GEEKEN CHEMICALS के कीटनाशक को खरीदना चाहतें है तो आप हमें कॉल(+91 – 9999570297) कर सकते है। GEEKEN CHEMICALS आज भारत में सबसे अच्छे तरीके का कीटनाशक का उत्पादन कर रहा है , कई लाखों किसान हमारे इस कीटनाशक का प्रयोग करके अपने फसल की गुणवत्ता और उत्पादन क्षमता को बढ़ा रहें है।