किसान भाइयों के खेतों की फसल हो या फिर गार्डन कि उसमें लगाए गए पौधे हो या फिर गमले में लगे हुए पौधे।  सभी जगह पौधे के सूखने की घटना लगातार सामनें आती रहती है।  जिससे लोग काफी परेशान रहते है। मरते हुए पौधे की यह समस्या लगभग सभी तरह के पौधे और फसल में दिखाई पड़ती है।  यह कोई नयी समस्या नहीं है और न ही इस समस्या से आपको घबराने की जरुरत है। क्योंकि आज हम आपको बताएंगे कि अपने फसलों की सुरक्षा कैसे की जा सकती है ? इसके समाधान क्या – क्या करने चाहिए ?

अगर आप यह सोच रहे हैं की मरते हुए पौधे को बचाने के लिए बहुत परिश्रम करनी होगी या बहुत महंगे रासायनिक दवाओं का इस्तेमाल करना होगा जिसमे अधिक पैसे लगेंगे तो ऐसा ख्याल आप अपने दिमाग से निकाल दीजिये। क्योंकि यहाँ हम आपको बताएंगे कि अपने फसलों की सुरक्षा कैसे की जा सकती है ? इसके समाधान के लिए क्या – क्या करना चाहिए ?  आप हमारे इस ब्लॉग को पूरा पढनें के बाद शेयर भी कर सकते है।

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सूखे हुए पेड़ को कैसे बचाएं?

पौधे के सूखने की अनेक वजह होती है।  इसमें सबसे गंभीर वजह है खेत की मिट्टी।  जी हाँ दोस्तों , अगर आपके फसल के पौधे सुख रहें है तो इसके लिए सबसे पहले आपको  अपने खेतों में फसल चक्र अपनाना चाहिए। कभी – कभी ऐसा होता है कि किसान एक ही खेत में एक तरह की फसल को बार – बार पैदा करता है।  जिसके कारण मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है और पौधे सूखने लगते है।

खेत में मरे पौधे को ठीक करने के उपाय 

खेतों में पौधे के मरने के अनेकों कारण है जिसका जिक्र हमनें निचे किया हुआ है।  यदि किसान भाई निचे दिए गए इन चरणों को अपनाते हैं तो उन्हें जरूर इस समस्या से छुटकारा मिलेगा।

फसल चक्र अपनाएं

किसान भाइयों को सबसे पहले यह ध्यान देना होगा की एक ही फसल की बुवाई हमें उसी खेत में दुबारा नहीं करना है।  गाँव में अक्सर किसान सब्जियों की खेती करते है।  जिस खेत में सब्जी की फसल उगाते है उसमें केवल सब्जियाँ ही उगाते हुए चलते है।  इसके साथ ही उसमें रासायनिक खाद के प्रयोग भी ज्यादा करते है।  जिसकी वजह से उनकी फसल को नुकसान पहुँचता है और पौधे सूखनें लगते है।  किसान को अपने फसल की सुरक्षा के लिए फसल चक्र अपनाना चाहिए।  इसके साथ ही जैविक खाद का प्रयोग ज्यादा करना चाहिए।

खेतों में आग लगाना

कुछ किसान ऐसे भी होते है कि जो अपने खेतों में बचे हुए अवशेष को जला देते है।  उसमें उगने वाले खरपतवार को भी वो बाहर नहीं निकलते है।  जिसकी वजह से उनके खेत की मिट्टी ख़राब हो जाती है।  इसका नुकसान यह होता है कि वहां पर जो पौधे उगते है वह कुछ दिन बाद ही सूखनें लगते है।  इसलिए बचे हुए अवशेष को कभी भी खेत में नहीं जलाना चाहिए।  आप इन अवशेष को किसी गड्ढ़े की खुदाई करके उसी में फेंक देना चाहिए। जिसमे सब सड़कर देशी जैविक खाद बन जाते हैं।

खेतों की गहरी जुताई करें

जल्दबाजी के चक्कर में बहुत से किसान अपने खेत की जुताई अच्छे से नहीं करवाते है और पहली फसल के खत्म होते ही दूसरी फसल की बुवाई कर देते है।  लेकिन किसान भाइयों को ऐसा नहीं करना चाहिए।  यह खेतों में फसलों और पौधे के मरने का मुख्य कारण है।  इसलिए जब भी खेत से कोई भी फसल समाप्त हो तुरंत कल्टीवेटर से गहरी जुताई करनी चाहिए।

अधिक रसायनों का प्रयोग

कभी – कभी जैविक खाद के साथ – साथ हम रासायनिक खाद का ज्यादा प्रयोग करते है।  लेकिन कुछ किसान ज्यादातर रासायनिक खाद का ही प्रयोग करते है जिसकी वजह से उनकी मिट्टी सूखनें लगती है और फसल को नुकसान पहुँचता है।  इसलिए हमें ज्यादा रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

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फसलों की उचित सिंचाई करें

हमारे किसान भाई  अक्सर खुद के मशीन के पानी से ही फसल की सिचाई करते है अब तो तरह – तरह की सुविधाएँ भी आ गयी है।  इसलिए अब किसान अपने फसल की सिचाई के लिए पाइप का प्रयोग करते है। कभी – कभी किसान पाइप न फैलाना पड़े इसकी वजह से खेत में ज्यादा पानी भर देते है , जिससे उनका खेत ख़राब होता ही है साथ ही यह फसल को भी नुकसान पहुँचता है।  इसलिए हमें आवश्यकता के अनुसार ही खेत में सिचाई करना चाहिए।

साफ पानी से सिंचाई करें

बहुत से किसान भाई खेतों में लगे फसलों की सिंचाई के लिए नहरों, तालाबों, पोखरों इत्यादि के भरोसे रहते हैं उनके यहाँ मशीन का साधन नहीं रहता है। ऐसी स्थिति में हम देखते है कि नहरों से भी गन्दा पानी आने लगता है और किसान उसी पानी से अपने फसल को भर देते है। 1 से 2 बार सिचाई करने पर फसल  को नुकसान नहीं पहुँचता लेकिन बार – बार इस गंदे पानी से सिचाई करने पर फसल पूरी तरह से ख़राब हो जाती है।  सिंचाई करते समय साफ पानी का भी खास ध्यान रखना चाहिए।

निष्कर्ष

आज हमनें जाना कि खेतों में हम अपने फसल या पौधे की सुरक्षा कैसे कर सकते है।  आशा है कि किसान भाइयों को हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा।  किसी भी तरह की अन्य जानकारी के लिए आप GEEKEN CHEMICALS के साथ जुड़ें रहें।  हम आपके लिए इसी तरह से नई – नई जानकारी लातें  रहेंगे।  आप हमारे इस ब्लॉग को अपने सोशल मीडिया के माध्यम से शेयर भी कर सकते है, जिससे यह जानकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँच सकें|