किसान भाइयों आपने वैसे तो कई सब्जियों का जायका लिया होगा लेकिन परवल का अपना एक अलग ही टेस्ट है। परवल देखने में भले ही छोटा हो लेकिन इसका काम बहुत ही लाभदायक है। यह भारत के प्रचलित सब्जी में से एक है। इसकी खेती गर्म एवं तर जलवायु वाले क्षेत्रो में आसानी से की जा सकती है। परवल की खेती ठंडे क्षेत्र में करना नुकसान दायक है। इसलिए इसकी खेती ठंड वाले क्षेत्र में नहीं की जाती है। किसान इसकी खेती करके अच्छा पैसा कमा सकते है। लेकिन यह तभी निर्भर है जब किसान भाइयों को इसकी जानकारी अच्छे से होगी। आज के समय में भारत के बहुत से किसान अलग – अलग राज्य में इसकी खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहें है। परवल की गिनती बहुवार्षिक फसल में की जाती है। इसलिए इसकी खेती हम कभी भी और किसी भी मौसम कर सकते है।
परवल की खेती ज्यादातर बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल में सामान्य तौर पर उगाया जाता है। इसके अलावा इसकी खेती राजस्थान, मध्यप्रदेश, असम, महाराष्ट, गुजरात में भी बहुतायत क्षेत्र में की जाती है। हमारे बाजारों में भी परवल की माँग हमेशा रहती है। इसलिए किसान इसकी खेती करके अच्छा पैसा कमा सकते है। आइये आज के इस ब्लॉग में हम जानते है कि परवल की खेती कैसे की जाती है और इसमें लगने वाले रोग कौन से है और उनका उपचार कैसे किया जा सकता है।
आप यह ब्लॉग GEEKEN CHEMICALS के माध्यम से पढ़ रहें है। हम आप तक खेती – बाड़ी से जुडी जानकारी सरल भाषा में पहुचातें है। आप हमारे इस ब्लॉग के माध्यम से अपने फसल में लगने वाले कीड़े , रोग , खरपतवार को भी खत्म कर सकते है। अगर आपके फसल में भी रोगों का प्रकोप रहता है तो आप इसके लिए GEEKEN CHEMICALS के द्वारा बनें कीटनाशक का प्रयोग कर सकते है। GEEKEN CHEMICALS लगातार कई वर्षों से कीटनाशक बनाता आ रहा है। जिसका प्रयोग करके आप फसल में लगने वाले कीट को खत्म कर फसल की उत्पादन क्षमता को बढ़ा सकते है।
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परवल के लिए उपयुक्त मिट्टी, जलवायु और तापमान
किसान भाइयों परवल की खेती के लिए सबसे अच्छी बलुई दोमट मिट्टी मानी जाती है। जिसके लिए जमीन का पीएच मान सामान्य होना चाहिए। परवल के फसल की अच्छी पैदावार के लिए बारिश, गर्म और आद्र जलवायु बेहतर मानी जाती है। लेकिन अगर आवश्यकता से अधिक पानी या फिर वर्षा होती है तो फसल को बहुत नुकसान पहुँचता है। इसके अलावा आपको ठंड के मौसम में इसकी खेती नहीं करनी चाहिए क्योंकि ठण्ड में गिरने वाला पाला भी परवल के पौधे को काफी नुकसान पहुंचाता है।
किसान भाइयों परवल के बीज को अंकुरित होने के लिए सामान्य तापमान की जरूरत पड़ती है। परवल के फलो के बीज, शल्क और जड़ो के ठीक तरह से अंकुरण के लिए 20 से 25 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है | अधिकतम और न्यूनतम तापमान इसकी पैदावार को प्रभावित करता है।
कैसे तैयार करे परवल का खेत
परवल की खेती करने के लिए मिट्टी का अच्छा होना बहुत जरुरी है। इसके लिए किसान रोपाई से पहले मिट्टी को अच्छी तरह से तैयार कर सकते है। कृषि एक्सपर्ट बताते है कि इसके लिए किसान भाइयों को मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई करनी चाहिए। ऐसा करने पर पुरानी फसल के अवशेष पूरी तरह से खत्म हो जाते है। खेत को जुताई करने के बाद कुछ दिनों के लिए ऐसे ही खुला छोड़ देना चाहिए , जिससे खेत की मिट्टी को अच्छी तरह से धुप मिल सकें।
इसके बाद खेत की मिट्टी को भुरभुरा करना चाहिए। भुरभुरा करने के लिए किसान भाई दो से तीन गहरी जुताई कर सकते है। आप चाहें तो खेत में पानी लगाकर पलेव भी कर सकते है। मिटटी जब भुरभरा हो जाये तो पाटा लगाकर खेत में चलवा देना चाहिए , जिससे खेत समतल हो जाता है और खेत में जलभराव की समस्या नहीं होती है। कृषि एक्सपर्ट बताते है कि ऐसा करने से खेत में खरपतवार भी कम उगते है और फसल की पैदावार भी अच्छी होती है।
कब करनी चाहिए परवल के पौधे की रोपाई, जानिए सही समय और तरीका
इसके बीज की रोपाई पौधे के रूप में ही की जाती है। इसलिए इसके पौधे को हम समतल और मेड दोनों जगह पर रोपाई कर सकते है। अगर आप समतल जगह पर इसकी खेती कर रहें है तो धोरेनुमा क्यारि बना लें और इन क्यारियों में 4 -5 मीटर की दूरी पर पौधे की रोपाई करें। इसके आलावा अगर किसान मेड पर परवल की खेती कर रहें है तो रोपाई के लिए काम से कम एक मीटर की दूरी होना जरुरी है। मेड़ पर लगाए हुए पौधे को सहारा देने के लिए किसान मचान भी तैयार कर सकते है। जिससे परवल के पौधे को सहारा मिल सकें और पैदावार भी अच्छी हो।
किसी भी फसल की खेती के लिए सबसे ज्यादा जरुरी है की प्रकृति के अनुसार निर्धारित समय पर खेती करना। इसलिए हमें फसल बुवाई के समय यह अवश्य जान लेना चाहिए की जिस फसल की खेती हम करने जा रहें है उसका समय है या नहीं। लेकिन अगर किसान भाइयों आप परवल की खेती कर रहें है और अच्छी पैदावार चाहते है तो इसके पौधे को आप जून और अगस्त महीने में लगा सकते है। इसके अलावा कहीं – कहीं पर किसान अक्टूबर और नवंबर महीने में भी परवल की खेती करते है। जिससे उनकी फसल अच्छी पैदावार देती है।
परवल के पौधो की सिंचाई का तरीका
किसान भाइयों परवल के पौधे के लिए ज्यादा सिचाई की जरुरत नहीं पड़ती है। इसकी पहली बार सिचाई पौधे की रोपाई के बाद करना चाहिए। उसके बाद 12 से 15 दिन के अंतराल पर किसान सिचाई कर सकते है। अगर आप मेड पर परवल की खेती कर रहें है तो इसके लिए ड्रिप सिंचाई अच्छी मानी जाती है। इससे पौधे के सभी भागों में पानी आसानी से पहुँच जाता है। कभी भी बारिश के मौसम में परवल के पौधे को पानी नहीं देना चाहिए क्योंकि बारिश में ज्यादा पानी की वजह से पौधे सड़ने लगते है।
कैसे करें परवल के खरपतवार का नियंत्रण
किसान भाइयों परवल की खेती में खरपतवार उगने की संभावना ज्यादा रहती है। ऐसा तभी होता है जब हम बीज का सही तरीके से चुनाव नहीं कर पातें है। इसके लिए किसान प्राकृतिक और रासायनिक दोनों तरीका आजमा सकते है। प्राकृतिक तरीके से इसके खरपतवार को खत्म करने के लिए किसान पौध की रोपाई के तक़रीबन 25 से 30 दिन बाद अच्छे से निराई – गुड़ाई कर सकते है। अगर खरपतवार ज्यादा है तो आप तीन – चार गुड़ाई करे। लेकिन यह ध्यान रहें कि पहली गुड़ाई के 30 -35 दिन के बाद ही दूसरी बार निराई – गुड़ाई करना चाहिए।
अगर आप रासायनिक विधि से इसके खरपतवार को खत्म करना चाहते है तो इसके लिए आप GEEKEN CHEMICALS के द्वारा बनें खरपतवारनाशी कैमिकल का प्रयोग कर सकते है। GEEKEN CHEMICALS सबसे अच्छा Pesticides Manufacturers Company in uttar pradesh में से है। आप हमारे कैमिकल को खरीदने के लिए अपने नजदीकी बाजार में जाकर लें सकते है। जो किफायती दाम में उपलब्ध है।
परवल के पौधे में लगने वाले रोग कौन – कौन से है
लाल भृंग कीट रोग
यह रोग ज्यादातर पौधे के अनुकरण के बाद ही दिखाई पड़ता है। यह एक तरह का कीट जनित रोग है। कृषि एक्सपर्ट बताते है कि इस तरह के कीट परवल के पौधे की पत्तियों को खाकर उन्हें नष्ट कर देते है। जिसकी वजह से परवल की पैदावार पूरी तरह से प्रभावित हो जाती है। इसके लिए किसान भाई रख का छिड़काव कर सकते है या फिर GEEKEN CHEMICALS के द्वारा बनें कीटनाशक का प्रयोग कर सकते है। GEEKEN CHEMICALS के द्वारा बना कीटनाशक G-Radiant (Fipronil 5% SC) बहुत जल्द पेड़ो की सतह तक पहुंचकर कीटों को खत्म करता है और फसल को प्रभावित होने से बचाता है। अगर आप इसे खरीदना चाहते है तो हमें कॉल (+91 – 9999570297) भी कर सकते है।
फल मक्खी रोग
यह रोग परवल के पौधे के लिए बहुत खतरनाक माना जाता है। परवल के पौधे पर यह रोग ज्यादातर फलों पर ही दिखाई पड़ता है। यह परवल के पौधे पर बैठकर अंडे दे देता है जिससे परवल में सुरंग सा बन जाता है और फसल पूरी तरह से नष्ट हो जाती है। इसके लिए किसान भाई GEEKEN CHEMICALS के द्वारा बने कीटनाशक का प्रयोग कर सकते है। GEEKEN CHEMICALS इस रोग को खत्म करने के लिए लेकर आया है अपना सबसे बेहतरीन कीटनाशक Kehar (Profenofos 50% EC) जो जल्द से जल्द इस रोग को खत्म करेगा।
निष्कर्ष
आज हमने अपने इस ब्लॉग में जाना कि परवल की खेती कैसे की जाती है और इसमें खरपतवार लगने पर कैसे खत्म कर सकते है। आप यह ब्लॉग GEEKEN CHEMICALS के माध्यम से पढ़ रहें है। हम किसान भाइयों के बेहतर फसल उत्पादन के लिए अलग – अलग तरह का कीटनाशक बनाकर कीटों को खत्म करते है और फसल की उत्पादन क्षमता को बढ़ाते है। अगर आप हमारे कीटनाशक कैमिकल को खरीदना चाहते है तो हमें कॉल (+91 – 9999570297 )भी कर सकते है। हमारे कीटनाशक को अब आप ऑनलाइन भी मंगा सकते है।