कपास की फसल को कीटों से बचानें के लिए करें यह उपाय , जिससे होगी अत्यधिक पैदावार

Published Date: September 27, 2022

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कपास की खेती में सबसे ज्यादा महत्व  जलवायु, मिट्टी, खेती की तैयारी, किस्म, बीज मात्रा, बीजों का उपचार, बुवाई, सिंचाई का होता है, उतना ही महत्व खरपतवार, रोग और कीट के नियंत्रण का भी होता है। अगर कपास की खेती के लिए इसका उचित तरीके से प्रबंधन न किया जाये तो यह किसान भाइयों के लिए काफी हानिकारक हो सकता है।  कपास में कई तरह के कीट पाए जाते है जो फसल को पूरी तरह से बर्बाद कर देते है।  आज हम अपने किसान भाइयों को इससे जुडी जानकारी प्रदान करेंगे।

कपास प्रमुख रूप से खरीफ की फसल है। आज के समय में मौसम में बदलाव के कारण कपास में कई तरह के रोग लगते है।  इनमें से एक है गुलाबी सुंडी , जो फसल को पूरी तरह से बर्बाद कर देता है। कपास की खेती के बारें में अगर बात किया जाये तो यह सबसे अधिक महाराष्ट्र और गुजरात में किया जाता है। इन कीटों के आक्रमण से फसल की पैदावार बहुत कम हो जाती है। कपास की फसल के लिए 4 तरह के कीट है जो फसल को एकदम से बर्बाद करके रख देते है।  इसमें सफ़ेद मख्खी।  अमेरिकन सुंडी , चेपा और मीली बग प्रमुख है।  आइये आज हम आपको इस कीटों के बारें में विस्तार से बताते है।

आप यह ब्लॉग GEEKEN CHEMICALS के द्वारा पढ़ रहें है।  GEEKEN CHEMICALS अलग – अलग तरीके का कीटनाशक बनाकर किसान भाइयों की फसल को बचाता  है।  आप हमारे द्वारा बना हुआ कीटनाशक आसानी से अपने नजदीकी मार्केट में भी खरीद सकते है।  जिससे आपकी फसल को भी सुरक्षा मिल सकें और फसल की पैदावार अच्छी हो सकें। भारत के किसान लगातार कई वर्षों से हमारे ऊपर अपना विश्वास जता रहें है।

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 सफेद मक्खी

कपास की फसल में अक्सर सफ़ेद कीट का प्रकोप ज्यादा देखने को मिलता है।  यह ऐसा कीट होता है जो कपास की फसल को पूरी तरह से बर्बाद कर देता है।  इसका अंदाजा आप इस तरीके से लगा सकते है कि इसका प्रकोप होने पर फसल में 50 -60 प्रतिशत कि कमी आ जाती है।  अगर समय रहते किसान इन कीटों से फसल की सुरक्षा नहीं करते तो उन्हें काफी नुकसान का सामना करना पड़ता है।

यह बहुत ही खतरनाक कीटों में से एक है जो फसल की चुनाई से लेकर कटाई तक फसल के अंदर रहता है।  कपास के आलावा भी यह 100 से अधिक फसलों में पाया जाता है। यह  कीट पत्तियों के निचली सतह को चूसते है और धीरे – धीरे उन्हें खत्म कर देते है। प्रौढ़ 1-1.5 मि.मी. लम्बे, सफेद पंखों व पीले शरीर वाले होते हैं। जबकि शिशु हल्के पीले, चपटे होते हैं। ये फसल को दो तरह से नुकसान पहुंचाते हैं। एक तो रस चूसने के कारण , जिससे पौधे कमजोर होने लगते है।  दूसरा पत्तियों पर चिपचिपा जैसा पदार्थ छोड़नें की वजह से। जिसके प्रभाव की वजह से कुछ समय बाद पत्तियाँ काली पड़ जाती है। जो पौधे को भोजन बनाने की प्रक्रिया में काफी बाधा डालती है। यह कीट कपास में मरोडिय़ा रोग फैलाने में भी सहायक है। इसका प्रकोप अगस्त-सितंबर मास में ज्यादा होता है। जिनकी वजह से पौधे के बढ़ोतरी रुक जाती है और फसल की पैदावार भी कम होती है।

 सफ़ेद मख्खी की पहचान

इसके पहचान की अगर बात किया जाये तो यह देखने में बहुत छोटा होता है।  इसका रंग सफ़ेद और पीला होता है , यह कीट हवा के दवरा एक जगह से दूसरे जगह पर पहुंचते है। इसके अंडाकार शिशु पत्तों की निचली सतह पर चिपके रहकर रस चूसते रहते हैं। भूरे रंग के शिशु अवस्था पूरी होने के बाद वहीं पर यह प्यूपा में बदल जाते हैं। ग्रसित पौधे पीले व तैलीय दिखाई देते हैं जिन पर काली फंफूदी लग जाती है। यह कीड़े रस चूसकर फसल को नुकसान करते हैं।

यह पर्ल वायरस के रूप में काम करती है।  इसके साथ ही यह प्रवासी कीट है , जिससे इसपर काबू पाना बहुत ही मुश्किल होता है।  इसके जयादा हमले से कपास के पौधे काले पड़नें लगते है।  सफ़ेद कीट के लिए आप GEEKEN  CHEMICALS का बना कीटनाशक Gee Lambda Pro (Lambda Cyhalothrin 4.9% CS) और Shamshera (Thiamethoxam 12.6% + Lambda-Cyhalothrin 9.5% ZC) का प्रयोग कर सकते है।  यह फसलों में अधिक तेज़ी से घुलकर कीड़ों को जड़ से खत्म करता है।  अगर आप हमारा यह कीटनाशक खरीदना चाहते है तो , इसके लिए आप अपने नजदीकी बाजार में जाकर आसानी से खरीद सकते है।

 मीली बग

पिछले कुछ समय से हमारे देश में मिली बग के रूप में कई तरह के कीट दिखाई पड़ रहें है।  जिसकी वजह से किसान की फसल को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि अगर समय रहते इस समस्या से निजात नहीं पाया गया तो यह फसल को पूरी तरह से बर्बाद कर देगा।

यह कीट देखने में बहुत ही छोटे होते है साथ ही इनका शरीर भी बहुत मुलायम होता है।  यह छोटे – छोटे अंडा के आकार के होते है।  यह कीट जब भी कपास पर अपना आक्रमण करते है तो फसल को पूरी तरह से चूष डालते है। व्यस्क मिलीबग पत्तियो, तनो एवं जड़ों को सफेद मोम पाउडर जैसे पदार्थ से ढंक लेता है जिससे इन्हे पौधो से नियंत्रण करने मे कठिनाई होती है। यह अपने चूसने एवं चुभाने वाले मुखांगो की सहायता से पत्तियो व तनो से अधिक मात्रा मे रस चूसकर पौधो को आवश्यक पोषक तत्वो से वंचित कर देता है। यह कीट गंदगी के रूप में पौधों की पत्तियों पर मल्य का त्याग करते है , जो चिपचिपे पदार्थ जैसा होता है।  इससे भी कपास की फसल को बहुत हानि पहुँचता है और फसल बर्बाद होने लगती है।  इसके प्रकोप से पत्तियाँ सिकुड़ जाती है , जो कुछ समय के बाद पीला पड़कर सूखने लगती है।  जिसका परिणाम यह होता है कि फसल की पैदावार कम हो जाती है और बाजारों में भी इसका फल कोई नहीं खरीदता है।  यह बहुत ही खतरनाक कीट है अगर किसान भाई इस कीट से अपने फसल को बचाना चाहते है तो और Shamshera (Thiamethoxam 12.6% + Lambda-Cyhalothrin 9.5% ZC) और Kaancha (Profenofos 40% + Cypermethrin 4% EC) का प्रयोग कर सकते है।

 माहू कीट

यह फसल में लगने वाले घातक कीटों में से एक है।  जो सबसे पहले फसल के रस को चुसता है जिससे कपास की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाती है।  इसे हम अंग्रेजी में  ब्राउन प्लांट हॉपर या BPH भी कहते है।  माहू कीट हल्के काले रंग और पीले रंग का होता है जो शाम के समय अंधेरे में काफी तेजी से उड़ता है और यह पौधों के नरम हिस्सों जैसे पौधों के ऊतकों को छेद करते हैं और फसल का रस चूसते रहते हैं । इसकी संख्या फसलों में बहुत जल्दी बढ़ती है इसका प्रभाव थोड़े से फसल में दिखने के बाद रोकथाम नहीं किए जाने पर पूरी फसल में फैल जाता है और फसलों को पूरा चौपट कर देता है। माहु सभी तरह के फसलों मे लगता है जैसे धान की फसल सरसों धनिया और भी फसलों मे इनका नियंत्रण करना जरूरी होता है। अगर महू की समय रहते खत्म नहीं किया गया तो यह फसल को बर्बाद कर देती है।  महू कीट का प्रकोप जब भी होता है पूरी की पूरी फसल ही नष्ट हो जाती है अगर आप इस कीट से अपने फसल को बचाना चाहते है तो आज ही बाजार जाएँ और GEEKEN CHEMICALS का बना प्रोडक्ट Fogal (Thiamethoxam 30% FS) और Mustafa (midacloprid 17.8% SL) का प्रयोग कर सकते है।

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 निष्कर्ष 

आज हमने जाना कि किस तरह से कपास में लगने वालों कीटों से अपने फसल की सुरक्षा कर सकते है।  आशा है कि किसान भाइयों को हमारे द्वारा दी गयी यह जानकारी पसंद आयी होगी। आप हमारे इस ब्लॉग को अपने सोशल मीडिया के माध्यम से अन्य किसान भाइयों तक भेज सकते है , जिससे वह भी अपने फसल की सुरक्षा को लेकर जागरूक हो सकें।  GEEKEN CHEMICALS के प्रोडक्ट को भी आप अपने नजदीकी मार्केट में जाकर आसानी से खरीद सकते है।  किसी भी तरह की अन्य समस्या के लिए आप हमारे सलाहकार से भी संपर्क (+91 – 9999570297) कर सकते है।

 

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