यहां जानिए पुदीना उगानें का सबसे अच्छा तरीका ?
[et_pb_section fb_built=”1″ theme_builder_area=”post_content” _builder_version=”4.14.7″ _module_preset=”default”][et_pb_row _builder_version=”4.14.7″ _module_preset=”default” theme_builder_area=”post_content”][et_pb_column _builder_version=”4.14.7″ _module_preset=”default” type=”4_4″ theme_builder_area=”post_content”][et_pb_text _builder_version=”4.14.7″ _module_preset=”default” theme_builder_area=”post_content” hover_enabled=”0″ sticky_enabled=”0″]
दोस्तों आज के समय में पुदीना की खेती काफी अधिक मात्रा में की जा रही है। किसान इसकी खेती करके अच्छा मुनाफा भी कमा रहें है। अगर हम भारत की बात करें तो इसकी खेती लगभग सभी राज्यों में की जाती है। इसे लोग कहीं – कहीं पर मैंथा या मिंट के नाम से भी जाना जाता है। यह एक खुशभुदर जड़ी – बूटी होता है। पुदीना का प्रयोग ज्यादातर जलजीरा , चटनी , और कई तरह के अलग – अलग व्यंजन में भी प्रयोग किया जाता है। पुदीने के पत्ते से पिपाटमेंट भी बनाया जाता है , जिससे हम तेल, टूथ पेस्ट, माउथ वॉश आदि चीजें बनाते है। इसके अलावा हमारे गांव में लोग पुदीना को सुखाकर रख दिया जाता है , जिसका प्रयोग ज्यादातर गर्मी के मौसम में होता है। यदि किसान भाइयों आप इसकी सही तरीके से खेती करते है तो निश्चित ही एक समय के बाद आपको फायदा देखने को मिलेगा।
आज के इस ब्लॉग में हम बतानें जा रहें है कि पिपरमेंट की खेती कैसे की जाती है। दोस्तों आप यह ब्लॉग GEEKEN CHEMICALS के द्वारा पढ़ रहें है। हम सबसे अच्छे तरीके का कीटनाशक बनाते है और फसलों की उत्पादन क्षमता को बढ़ाते है। किसान भाइयों आप अपने फसल के अनुरूप हमारे कीटनाशक न चुनाव कर सकते है। जीकेन Top Agricultural Chemical Companies in India में से एक है। हमारे कीटनाशक को खरीदने के लिए आप ऑनलाइन तरीका आज़मा सकते है।
और पढ़े –: जानिए कटहल का पौधा कितने दिनों में होता है तैयार
क्या है पुदीना, मैंथा या मिंट
किसान भाइयों पुदीना हरे रंग का एक पौधा है , जिसकी ऊंचाई 1-2 फीट के करीब होती है। इसकी जड़ें फैलनें वाली होती है। पुदीना के पत्ते 3.7-10 से.मी. तक लंबे होते है। अगर हम पुदीना के फूल की बात करें तो इसके फूल छोटे और जामुनी रंग के होते है। उसकी खेती ज्यादातर अंगोला, थाइलैंड, चीन, अर्जेंनटीना, ब्राजील, जापान, भारत और पारागुए में की जाती है। अगर हम दोस्तों भारत की तरफ देखें तो इसकी खेती सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश और पंजाब में की जाती है। पुदीना की खेती करने से किसान भाइयों को कई फायदें हो सकते है , जिसकी जानकारी हम नीचें देंगे।
क्या है पुदीना के फायदें
किसान भाइयों यह मैंथा के नाम से जानी जाने वाला एक तरह की जड़ी – बूटी है। इसका प्रयोग हम कई तरह के तेल , टूथ पेस्ट, माउथ वॉश और कई व्यंजनों को बनाने के लिए करते है। इसके पत्ते का प्रयोग हम कई तरह की दवाई बनाने के लिए करते है। किसान भाइयों डॉ बताते है कि अगर आप गर्मी में नियमित रूप से पुदीना का प्रयोग करें तो यह लू लगने की समस्या , पेट में बनने वाला गैस , आदि बीमारी को भी खत्म करता है। इसलिए आज के बाजारों में इसकी मांग भी काफी ज्यादा है। किसान पुदीना की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते है।
भारत में पुदीना की खेती के लिए मिट्टी का चुनाव
किसान भाइयों पुदीना की खेती करने के लिए हमें जलवायु का विशेष रूप से ध्यान रखना पड़ता है। इसकी खेती ज्यादातर समशीतोष्ण जलवायु के साथ उष्ण एवं उपोषण जलवायु में की जाती है। पुदीनाकी खेती ज्यादातर गर्मी के मौसम में की जाती है , ज्यादा ठंड इसके पौधे को नुकसान पहुचातें है। इसके पौधे को लगाते समय हमेशा यह ध्यान रखें की, ज्यादा जल भराव वाली जगह पर इसकी खेती आराम से की जा सकती है। पुदीना की खेती के लिए मिट्टी का नम होना जरुरी है। अगर इसके खेती के लिए पीएच मान की बात करें तो पुदीना के लिए पीएच मान 6 से 7.5 होना चाहिए। जिससे पुदीना की पैदावार अधिक होती है।
भारत में पुदीना के खेती के कैसे करें खेत की तैयारी
किसान भाइयों फसल हो या फिर पौधा , दोनों के लिए खेत का चुनाव अच्छे से होना चाहिए। जिससे उसका उत्पादन ज्यादा हो सकें। किसान भाइयों अगर हम पुदीना की बात करें तो इसके लिए हमें सबसे पहले मिट्टी पलटने वाले हल से गहरी जुताई करनी चाहिए , जिसके बाद खेत को खुला छोड़ देना चाहिए। आप चाहें तो हैरों से भी इसकी जुताई आसानी से कर सकते है। जुताई के बाद आप अपने खेतों में गोबर के खाद का भी छिड़काव आसानी से कर सकते है। इससे खेत में खरपतवार कम उगते है और फसल या पौधे की पैदावार भी अधिक होती है। गोबर का खाद जब खेत में पूरी तरह से मिल जाये तो पाटा लगाकर खेत को बेहतरीन तरीके से समतल कर लेना चाहिए। किसान भाइयों आपको यह भी विशेष रूप से ध्यान देना है कि जिस गोबर के खाद का प्रयोग आप कर रहें है वह पूरी तरह से सड़ी हुई है या नहीं क्योंकि अगर खाद सड़ी हुई नहीं है तो इसमें दीमक लगने की संभावना ज्यादा होती है। आप इसकी खेती के बारें में ज्यादा जानकारी के लिए पुदीना की खेती करने वाले किसान भाइयों से भी मिल सकते है।
भारत में कैसे की जाती है पुदीना के बीज की रोपाई
किसान भाइयों बीज की रोपाई से पहले हमें इसके बीज का अच्छे से चुनाव करना चाहिए क्योकि ख़राब बीज कई तरह के रोग व खरपतवार को जन्म देते है। इसलिए जब भी किसी भी फसल या पौधे के लिए बीज लेनें जाए तो प्रमाणित बीज ही लें। किसान भाइयों पुदीना के लिए सबसे पहले आपको एक नर्सरी तैयार करनी पड़ती है। नर्सरी को तैयार करते समय यह जरूर ध्यान दें कि जलनिकासी की समुचित व्यवस्था हो। इसके बीजों की रोपाई 2-3 से.मी. की गहराई में होना चाहिए। जब भी इसके पौधे में पत्तियां आने लगें उसे धीरे से उखाड़ कर अपने मुख्य खेत में रोपाई करना चाहिए। इसकी बुवाई करते समय यह ध्यान रखें की ज्यादा खरपतवार अगर – बगल न उग सकें। आप बिजाई करने के बाद मिट्टी में नमी बनाए रखने के लिए सिचाई भी कर सकते है।
कैसे करें पुदीना के खरपतवार का नियंत्रण
किसान भाइयों सभी पौधों और फसलों की तरह , इसमें भी खरपतवार उगने की सम्भावना ज्यादा होती है। इसलिए इसकी देखभाल करना भी बहुत जरुरी है। पुदीना के खरपतवार को खत्म करने के लिए किसान भाइयों को पौधे के अगल – बगल अच्छे से निराई – गुड़ाई करना चाहिए। इसके अलावा आप बीज का अच्छे से चुनाव करें। इसके अलावा आप अपने फसल में GEEKEN CHEMICALS के द्वारा बनें खरपतवारनाशी कैमिकल का भी प्रयोग कर सकते है। जीकेन Top Agro Chemical Companies in India में से एक है।
जानिए कब करना चाहिए पुदीना की सिचाई
किसान भाइयों गर्मी के मौसम में हमें जलवायु और मिट्टी के आधार पर 6-9 सिचाई जरूर करनी चाहिए। मानसून आने के बाद आप आवश्यकता के अनुसार 2 -3 सिचाई कर सकते है। कृषि एक्सपर्ट की मानें तो इसकी पहली सिचाई सितंबर महीने में, दूसरी अक्टूबर में और तीसरी नवंबर महीने में करनी चाहिए। कभी भी इसके पौधे को ठंड के मौसम में ज्यादा पानी न दें , अगर आवश्यकता महसूस हो तो , ठण्ड में 1 सिचाई कर सकते है। लेकिन ध्यान रहें की अगर ठंड में बारिश हो रही है तो इसकी सिचाई न करें।
कब की जाती है भारत में पुदीना के फसल की कटाई
किसान भाइयों पुदीना का पौधा 100 -120 दिन में कटाई के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाता है। जब इसके पत्ते पीले दिखने लगें तो आप कटाई कर सकते है। इसकी कटाई करते समय किसान भाइयों को अच्छे से ध्यान रखना पड़ता है। इसकी अगली कटाई पहली कटाई के 80 दिनों के बाद करनी चाहिए। कटाई के बाद आप पुदीना के पौधे से तेल निकाल सकते है। जिसकी मांग बाजारों में हमेशा रहती है।
और पढ़े –: भारत के 10 प्रमुख राज्य जहां होती है सबसे ज्यादा खेती
निष्कर्ष
किसान भाइयों आज के इस ब्लॉग में हमनें जाना की पुदीना की खेती कैसे की जाती है। आशा है कि आप सभी को हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। आप हमारे इस ब्लॉग को अपने सोशल मीडिया के माध्यम से जरूर शेयर करें। किसान भाइयों आज के समय में हम सभी अपने फसलों का उत्पादन अच्छे तरीके से करना चाहते है। इसके लिए जरुरी है की आप अपने फसलों का नियमित रूप से देखभाल करें और इसमें लगने वाले कीड़ों ,रोगों , खरपतवार, कवक का भी विशेष रूप से ध्यान रखें क्योंकि यही है जो आपके फसलों को पूरी तरह से तबाह कर देती। लेकिन अब से इन्हें खत्म करने के लिए घबरानें की जरूरत नहीं है क्योंकि आपका सच्चा साथी GEEKEN CHEMICALS आपके साथ है। जो फसलों में लगने वाले इस तरह के हानिकारक कीटों को पूरी तरह से खत्म करता है और बेहतर उत्पादन प्रदान करता है। GEEKEN CHEMICALS के प्रोडक्ट को खरीदनें के लिए आप हमें कॉल (+91-9999570297) भी कर सकते है।
[/et_pb_text][/et_pb_column][/et_pb_row][/et_pb_section]