दोस्तों गुलाब के फूल को हम सभी पसंद करते है। किसी भी कार्यक्रम में हम गुलाब के का इस्तेमाल करते है। इसके अलावा मंदिर में भी गुलाब का फूल चढानें के काम आता है। आज कल तो लोग अपने घरों की सजावट के लिए भी गुलाब के फूल का इस्तेमाल करते है। ऐसे में गुलाब के फूल की मांग भी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। दोस्तों भले ही इतने सरे फूल हो लेकिन लोगों के लिए बहुत पहले से ही गुलाब का फूल पसंदीदा बना हुआ है। ऐसे में अगर आप गुलाब के फूल की खेती करते है तो अच्छा पैसा कमा सकते है। शादियों के सीजन में तो गुलाब की मांग और भी तेज हो जाती है , जिसके चलते किसान भाइयों की दिलचस्पी गुलाब के फूल में ज्यादा है। आइये आज के इस ब्लॉग में हम आपको बताते है कि गुलाब की खेती कैसे की जाती है।
दोस्तों अगर देखा जाए तो आमतौर पर गुलाब का रंग गुलाबी होता है लेकिन आज के समय में गुलाब और भी कई रंग में दिखाई पड़ जाता है। इसमें सबसे ज्यादा सफ़ेद और पीले रंग के फूल दिखाई पड़ते है। इसके अलावा रक्त्लाल, दोरंगे और तींरंगे गुलाब, लाल, नारंगीलाल रंग के भी गुलाब भी देखने को मिल जाते है। लेकिन अब तो नीले और काले रंग के गुलाब भी दिखाई पड़ते है। इसके फूल को हम सभी प्रेम का प्रतिक भी मानते है। गुलाब के फूल का प्रयोग हम औषधीय कार्यों के अलावा सुन्दर दिखने के लिए भी करते है। सौन्दर्य प्रसाधन के सामान में भी लोग आज गुलाब का प्रयोग कर रहें है।
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गुलाब की खेती करने का तरीका :-
दोस्तों गुलाब का पौधा ज्यादा लम्बा नहीं होता है अगर हम इसके फूलों वाले भाग को छोड़ दें तो लोग टहनी और तना दोनों ही काट कर लगाते है। इसकी खेती को लगभग सभी देश करते है। आज के समय में गुलाब की खेती किसी फसल के मुनाफे से कम नहीं है। कुछ लोग तो इसे अपने घरों के बागानी में भी लगाते है , जिससे उनका घर सुंदर और हमेशा खुशबु से भरा रहता है। वहीँ अगर हम व्यापारिक नजरिये से देखे तो इसकी खेती पॉलीहाउस में की जाती है, जिसके माध्यम से किसान अच्छी कमाई कर सकते है।
दोस्तों आज कल मंडियों में भी फूलों की मांग काफी तेजी से बढ़ रही है , जिस कारण किसान इसे बाजारों में आसनी से बेच सकते है। किसान भाइयों फूलों की सबसे बड़ी मंडी भी अपने देश के दिल्ली में स्थित है , जिस वजह से हम अन्य फूलों को भी आसानी से बेच सकते है।
गुलाब की खेती के लिए प्रयोग की जानें वाली मिट्टी :-
किसान भाइयों हम जब भी किसी फसल की खेती करते है तो उसके लिए भूमि का अच्छे तरीके से चयन होना जरुरी है। अगर हम गुलाब की खेती की बात करें तो इसके लिए ऐसी जमीन चुनना चाहिए जहां पानी की सुविधा पूर्ण रूप से हो , लेकिन बारिश के मौसम में ज्यादा पानी न लगता हो। ज्यादा जलभराव फसलों को ख़राब कर सकती है। गुलाब की खेती कभी भी छायादार जगह पर भी नहीं करना चाहिए , छाया का प्रभाव गुलाब की खेती को प्रभावित कर सकता है। किसान चाहें तो गुलाब की खेती के लिए दोमट मिटटी का चुनाव कर सकते है , गुलाब के लिए दोमट मिट्टी काफी अच्छी मानी गयी है। इसके अलावा काली मिट्टी में भी गुलाब की खेती की जा सकती है। इसकी खेती के लिए जमीन का P.H. मान 5.5 से 6.5 के मध्य होना चाहिए |
गुलाब की खेती ऐसे जगह पर करना चाहिए जहां पर सूर्य का प्रकाश सीधे तौर पर पेड़ पर पड़ सकें इससे गुलाब का पौधा तेजी से विकास करता है। गुलाब की खेती हम किसी भी मिटटी में कर सकते है लेकिन ऐसी मिट्टी का चुनाव कभी न करें जहां पर गुलाब की खेती की ही न जाती हो। आज के समय में गुलाब की सबसे ज्यादा खेती पोलीहाउस में की जाती है, जिसकी वजह से किसान भाइयों के कई समस्या का समाधान हो जाता है। अगर हम आज के समय की बात करें तो देश के कई हिस्सों में पोलीहाउस के द्वारा ही गुलाब की खेती की जाती है। इस तरह से अगर आप गुलाब की खेती के लिए मिट्टी का चुनाव करते है तो आपको अवश्य ही फायदा मिलेगा।
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गुलाब की खेती में उपयुक्त जलवायु और तापमान
किसान भाइयों किसी भी फसल की बुवाई करने से पहले हमें उस फसल के बारें में अच्छे से जान लेना चाहिए कि कैसी जलवायु में खेती करने पर फसलों को फायदा होगा। कृषि एक्सपर्ट के मुताबिक गुलाब की खेती के लिए अधिकतम तापमान 30 डिग्री तथा न्यूनतम 15 डिग्री तक होना चाहिए। ज्यादा ठण्ड के मौसम में इसकी खेती करना हानिकारक माना जाता है। अगर आप गुलाब की खेती सामन्य तापमान में करते है तो इसकी अच्छी पेड़वार देखने लो मिल सकती है। गर्मी क्ले मुसम में चले वाली गर्म हवाएं इसे बहुत ज्यादा नुकसान पहुचांती है।
खेती के लिए भूमि को कैसे तैयार करे
गुलाब की खेती करने से पहले हमें सबसे पहले इसकी जमीन को अच्छे से तैयार करना चाहिए। इसके लिए किसान पुरानें अवशेषों को जुताई करवाकर खत्म कर सकते है। इसके बाद खेत की जुताई करके कुछ दिनों के लिए ऐसे ही छोड़ देना चाहिए। ऐसा करने से सूर्य की किरणें खेत में सीधी पड़ती है , जिससे मिट्टी अच्छे से तैयार हो जाती है। आप चाहें तो कुछ दिन के बाद भी 3 -4 जुताई फिर से कर सकते है।
अगर किसान गुलाब का पौधा लगाने से पहले खेत में गोबर के खाद का प्रयोग करते है तो इससे खरपतवार और कीट लगने की सम्भावना कम होती है। इसके बाद खेत की जुताई करके आप क्यारियाँ तैयार कर लें और उसमें पानी भर दें। जिसके बाद आपकाखेत पूरी तरह से तैयार हो जायेगा।
खेत में लगाने से पहले पौधे को तैयार करना
किसान भाइयों टी बॉडिंग विधि के द्वारा ही गुलाब का पौधा लगाया जाता है। किसान इस विधि से गुलाब की कलम को जून और जुलाई के महीने में आसानी से लगा सकते है। एक क्यारी से दूसरे क्यारी के बीच कम से कम 15 सेंटीमीटर की दूरी होना जरुरी है। जिसके बाद गुलाब के पौधे में शाखाएं दिखाई पड़ने लगती है, जिसे काटकर हटा दिया जाता है। जिसके बाद आप अगस्त से सितम्बर के महीने में आप इसके पौधे को आसानी से लगा सकते है।
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गुलाब के पौधे के रोपाई का सही समय और तरीका
किसी भी फसल की पैदावार तब अच्छी होती है, जब उसकी खेती सही समय पर किया जाता है। यदि किसान सही समय पर उस फसल की बुवाई नहीं करेंगे तो उन्हें काफी नुकसान का सामना करना पड़ता है। अगर हम गुलाब के पौधे की बात करें तो इसके लिए सही समय सबसे ज्यादा जरुरी है , क्योंकि कुछ ऐसे समय और महीने होते है जब गुलाब की मांग ज्यादा होती है। कृषि एक्सपर्ट की मानें तो गुलाब का पौधा अप्रैल या मई के महीने तक तैयार कर लेने चाहिए और बड़े पौधों को अगस्त से सितम्बर तक लगा देना चाहिए। क्योंकि इस समय गुलाब की मांग ज्यादा होती है और किसान इसकी खेती करके अच्छा पैसा भी कमा सकते है।
गुलाब की खेती के लिए सिंचाई का तरीका
पौधों को खेत में लगाने के पश्चात् उसकी तुरंत सिंचाई कर देनी चाहिए | इससे ताजा लगायी कलम को नमी देने के लिए उसकी उचित समय पर सिंचाई करते रहना चाहिए, किन्तु खेत में पानी का भराव न होने दे | इससे पौधों को हानि होने का खतरा हो सकता है | सर्दियों के मौसम में सप्ताह में एक बार तथा गर्मियों के मौसम में 4 से 5 दिनों के अंतराल में पौधों की सिंचाई करते रहना चाहिए | इसके अतिरिक्त उत्तम किस्म के फूलो को प्राप्त करने के लिए सिंचाई के साथ उचित मात्रा में उवर्रक पौधों को देते रहना चाहिए |
इसमें नीम की खाद और हड्डियों का चूरा इसके लिए अधिक प्रभावी होता है | इसके अलावा यूरिया, फास्फेट और पोटाश भी उचित मात्रा में देने पर पैदावार में काफी फर्क देखने को मिल सकता है | यदि आपने पौधों को गमलो में लगा रखा है तो आप उसकी 2 से 3 इंच तक ऊपरी मिट्टी को निकल दे तथा सड़ी हुई गोबर की खाद को भर दे |
गुलाब के पौधों की निराई गुड़ाई
गुलाब की जितने अच्छे से निराई – गुड़ाई होगी उतनी ही अच्छी इसकी पैदावार भी होगी। इसके लिए अक्टूबर माह के अंत तक इसकी निराई गुड़ाई शुरू कर देना चाहिए। जानकार किसानों की मानें तो इस समय गुलाब के कलम से शाखाएं ज्यादा बनती है, जिसकी गुड़ाई करने से इन शाखाओं का निर्माण अच्छे से होता है। इसके अलावा बार – बार पानी देनेसे जमीन भी कठोर हो जाती है ऐसे में गुड़ाई करने से हवा बिलकुल जड़ों तक पहुँच जाती है। ऐसा करने से गुलाब के पौधे तेजी से विकास करते है।
गुलाब के फूलों की तुड़ाई छटाई एवं पैदावार
इसके पौधे को तभी तोड़ें जब इसके फूल की एक या दो पंखुडिया खिल जाए। इसके आप आप इसके फूल को पौधे से अलग कर सकते है। फूल को तोड़ने के बाद आप उसे तुरंत पानी में रख दें। आप चाहें तो इसे कोल्ड स्टोरेज में भी रख सकते है। इसे बेचने के लिए फूलो की ग्रेडिंग की जाती है। इसकी फूलो की ग्रेडिंग करते समय यह ध्यान रखना चाहिए की इसके पौधे की डंडी रोग मुक्त हो। जिसके बाद इसे पैक करके बेचा जा सकता है। गुलाब की खेती से इस समय किसान अच्छा पैसा भी कमा सकते है। गुलाब एक ऐसा पौधा है जिसकी खेती में 3 -4 महीने में फूल शुरू हो जातें है। जिससे किसान साल के लाखों रुपये आसानी से कमा सकते है।
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निष्कर्ष :-
दोस्तों आज के इस ब्लॉग में हमने जाना की गुलाब की खेती कैसे की जाती है। आशा है कि आप सभी को हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। आप हमारे इस ब्लॉग को शेयर भी कर सकते है। किसान भाइयों अगर आपकी फसल में रोग , कीट , कवक , आदि का प्रकोप दिखाई पड़ रहा है तो GEEKEN CHEMICALS के कीटनाशक का प्रयोग जरूर करें। जीकेन कैमिकल BEST Agrochemical Industry in India में से एक है।
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