पाला क्या है ? फसल को पाले (कोहरा, तुषार) से कैसे बचाएं ? यहां जानिए फसल को पाले से बचानें का तरीका

Published Date: December 31, 2022

GEEKEN CHEMICALS :- ठंड का मौसम चल रहा और धीरे – धीरे ठंड का प्रकोप भी बढ़ रहा है। मौसम वैज्ञानिक भी लगातार ठंड और कोहरे का असर लंबे समय तक साथ ही अधिक पड़नें की सम्भावना जताई है। फसलों पर भी इसका असर धीरे – धीरे देखने को मिल रहा है। तापमान में भी दिन – प्रतिदिन कमी देखने को मिल रही है। सुबह और शाम के तापमान की बात करें तो काफी गिरावट दर्ज की गई है। मौसम वैज्ञानिक की मानें तो ठण्ड का असर ज्यादातर उत्तर भारत में देखने को मिल रहा है। ठंड अगर ज्यादा पड़ती है तो इसका असर भी फसलों पर विपरीत पड़ता है , जिसकी वजह से फसल की उत्पादन क्षमता कम होती है। इसलिए किसान भाइयों को ठण्ड के मौसम में फसलों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। किसान भाइयों को चाहिए की वह फसल को ठंड और पाले से बचाने के लिए अपनी तैयारी तेज कर दें , ताकि फसलों को किसी भी तरह का नुकसान न हो सकें।

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पाला क्या है और क्यों पड़ता है :-

किसान भाइयों जब हमारे वायुमंडल का तापमान जीरो डिग्री सेल्सियस या फिर इससे नीचे चला जाता है और इसके कारण हवा का प्रवाह भी बंद हो जाता है , जिसकी वजह से पेड़ – पौधे के ऊपरी और अंदर के हिस्सों में पानी जम जाता है और बर्फ की पतली परत सी बन जाती है। इसे ही हम पाला कहते हैं। कृषि एक्सपर्ट की मानें तो पाला पड़नें से पौधे की कोशिका दीवारों को नुकसान पहुँचता है जिससे पौधे का स्टोमेटा भी नष्ट हो जाता है। पाला अगर अधिक पड़ता है तो कार्बन डाइआक्साइड, आक्सीजन और वाष्प की विनियम प्रक्रिया भी इसकी वजह से बाधित होती है। ऐसे में हमारी फसलें पूरी तरह से नष्ट होने लगती है और पैदावार भी कम होता है।

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पाले और ठंड से कैसे होता है पौधों को नुकसान :-

शीतलहर और पाले की वजह से जो पौधे फल देने वाले होते है उनके उत्पादन क्षमता में काफी विपरीत प्रभाव देखने को मिलता है। पाले तब पड़ते है जब फसलों में फूल और बालियां आने लगती है। पीला के प्रभाव से अक्सर पौधे की पत्तियां और फूल झुलसने लगते है। जिसका असर सीधे रूप से फसल पर देखने को मिलता है। भारत में उगाई जानें वाली फसलों में कुछ ऐसी है जो ज्यादा तापमान नहीं झेल पाती, जिससे पैदावार काफी प्रभावित हो जाती है। पाला पड़ते समय अगर पौधे की देखभाल नहीं किया गया तो इसके फल फूल झड़नें लगतें है , जिसकी वजह से पत्तियों का रंग मिट्टी के कलर का होने लगता है।

कृषि एक्सपर्ट बताते है कि अगर शीतलहर हवा के रूप में चल रही है तो नुकसान कम होता है और जब हवा चलनी बंद हो जाती है तो इसका सीधा असर पौधों पर पड़ता है। अधिक ठंड के कारण पत्ते, टहनियां और तने के नष्ट होने से पौधे में बीमारी भी बढ़ जाती है। पाले का सबसे ज्यादा असर दिसम्बर के अंतिम सप्ताह से लेकर फरवरी के महीने तक देखने को मिलता है। पाले का असर सबसे ज्यादा सब्जियों, पपीता, आम, अमरूद पर पड़ता है। टमाटर, मिर्च, बैंगन, पपीता, मटर, चना, अलसी, सरसों, जीरा, धनिया, सौंफ, अफीम आदि पर भी पाले का असर देखने को मिलता है। जबकि अगर हम अरहर, गन्ना, गेहूं व जौ की बात करें तो इसपर पीला का असर कम होता है।

शीतलहर व पाले से फसल को कैसे बचाएं

किसान भाइयों अगर आप अपनी फसलों को पाले से बचाना चाहतें है तो इसकी जानकारी नीचे दी गई है , जिसके माध्यम से आप आसानी से अपने फसलों की सुरक्षा कर सकते हैं।

अगर आप किसी पौधे या फिर सब्जी को नर्सरी में लगा रखें है तो उसे किसी टाट, पॉलिथीन अथवा भूसे से ढक देना चाहिए। ऐसा करने से फसलों के पास तक पाले का प्रभाव नहीं पहुंच पाता है और फसलों को नुकसान भी नहीं होता है।

पाला को देखते हुए किसान भाइयों को जरूरत के हिसाब से खेत में सिंचाई करना चाहिए। ऐसा करने से मिट्टी का तापमान कम नहीं होता है और पैदावार भी अच्छी होती है।

कृषि वैज्ञानिक का मानना है कि सरसों, गेहूं, चावल, आलू, मटर को पाले से बचानें के लिए किसान गंधक का प्रयोग कर सकते हैं। गंधक के प्रयोग से न सिर्फ पौधों का बचाव होगा बल्कि पौधे को लौह तत्व भी मिल जाता है।

गंधक का तेजाब पौधों को रोगों से बचानें और फसलों को जल्दी पकनें में भी मदद करता है। इससे पौधे जल्दी पक जाते है।

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निष्कर्ष :-

दोस्तों इसी तरह से खेती – बाड़ी से जुड़ी जानकारी के लिए आप GEEKEN CHEMICALS के ब्लॉग को पढ़तें रहें। GEEKEN CHEMICALS आज के समय में अलग – अलग सोशल मीडिया चैनेलों पर उपलब्ध है जिसे फॉलो और सब्सक्राइब करके आप और भी जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं। किसान भाइयों को अगर कोई अन्य जानकारी चाहिए तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। हम और हमारी टीम जल्द से जल्द आपके टॉपिक से जुड़ी जानकारी पहुचानें का काम करेंगे। अगर आप अपने फसलों का बेहतर उत्पादन चाहतें है तो हमारे कैमिकल को खरीदकर प्रयोग करें। किसान भाई अगर आप हमारे रासायनिक कैमिकल को खरीदना चाहतें है तो (+91 – 9999570297) कॉल करें। अब आप हमसे Youtube पर भी जुड़ सकते हैं।