प्याज की पैदावार के लिए यह विधि है सबसे ज्यादा असरदार , जिसे अपनाकर किसान हो सकते है मालामाल
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भारत में प्याज का उत्पादन काफी समय से होता आ रहा है। किसान प्याज के बेहतर फसल उत्पादन के लिए अलग – अलग तरीके अपना रहें है। वर्तमान समय की बात करें तो किसान प्याज की जैविक खेती पर ज्यादा जोर दें रहें है। प्याज खाने से हमारे शरीर के कई तरह के रोग आसानी से खत्म हो जाते है। जिसका उपयोग हम सब्जी बनाने , सलाद , अचार, मसाले और अब तो पिज़्ज़ा , बर्गर बनाने में भी किया जाता है।
गर्मी में लगने वाले लू से भी प्याज हमें बचाता है। डॉ के मुताबिक प्याज में खनिज लवण, विटामिन, प्रोटीन व कार्बोहाइड्रेट भारी मात्रा में पाया जाता है। इसलिए प्याज सेहत के लिए बहुत ही लाभदायक है।
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प्याज की खानें के साथ – साथ इसकी खेती भी लोग बड़े चाव से करते है। प्याज ही है जो हमरे थाली की सोभा को बढ़ा देती है। खाने में अगर प्याज न हो तो थाली सुनी – सुनी सी लगती है। प्याज में एक तरह का गंधक पाया जाता है जिसकी वजह से प्याज में गंध और तीखापन होता है।
वहीँ प्याज की खेती अब भारत के साथ -साथ विदेशों में भी काफी तेजी से की जा रही है। भारत में भी किसान लगातार प्याज की खेती को बढ़ावा दें रहें है लेकिन सही जानकारी न हो पानें के कारण किसान अच्छे से प्याज की खेती नहीं कर पाते है। इसलिए आज हम लेकर आये है प्याज के बारें में सम्पूर्ण जानकारी जिसके माध्यम से आप प्याज की बेहतरीन तरीके से खेती कर सकते है।
आप यह ब्लॉग GEEKEN CHEMICALS के माध्यम से पढ़ रहें है। हम आप तक फसलों के बेहतर तरीके से उत्पादन के लिए अलग – अलग तरह का Crops Solutions बनाते है। जिससे फसलों में लगने वाले रोग , कीट , खरपतवार आसानी से खत्म हो सकें। आप हमारे कैमिकल को आसानी से खरीद सकते है। आज भारत के कई राज्यों में हमारी ब्रांच है , जो लगातार किसान भाइयों को बेहतर तरीके का कीटनाशक उपलब्ध करवा रहीं है।
जानिए कौन से जलवायु में करें प्याज की खेती
भारत में प्याज की खेती समशीतोष्ण प्रदेश में बखूबी से की जाती है। लेकिन किसान उष्णकटिबंधीय जलवायु में भी इसका उत्पादन कर सकते है। प्याज के फसल को पानी की जरुरत होती है। इसलिए अगर 50-80 सेंटीमीटर बारिश हो जाये तो पैदावार काफी अच्छा होता है। गर्म मौसम में भी प्याज की अच्छी खेती की जा सकती है। अच्छे तरह से प्याज की फसल उत्पादन के लिए 13-24 डिग्री सेल्सियस तापमान की जरूरत पड़ती है। जिस समय प्याज के बीज का अनुकरण होता है 20-30° सेंटीग्रेड का तापमान अच्छा माना जाता है।
भूमि का चयन
किसी भी फसल की खेती करने के जमीन की अच्छे से देखभाल करनी चाहिए। क्योंकि की अगर मिट्टी अच्छी नहीं होगी तो पूरी फसल ख़राब हो सकती है। कृषि एक्सपर्ट कि मानें तो प्याज की खेती सभी भूमियों में की जा सकती है। लेकिन अधिक ह्यूमस वाली रेतीली दोमट या सिल्ट दोमट मिट्टी इसकी खेती के लिए सबसे अच्छी मानी गयी है। किसान भाइयों को कभी भी अधिक अम्लीय भूमि पर इसकी खेती करेंगे नहीं करनी चाहिए। प्याज की खेती के लिए भूमि का
पी एच मान 6 से 7 सबसे अच्छा माना गया है। किसान अपने फसल के अनुसार इसकी खेती कर सकते है।
प्याज की खेती वैसे तो भारत के सभी राज्यों में आसानी से की जाती है। अगर प्याज की पैदावार अच्छे से हो जाये तो किसान अत्यधिक आय कर सकते है। हमें हमेशा प्याज लगानें से पहले मिट्टी की अच्छे से जाँच करवाना जरुरी है। मिटटी को अच्छा बनाने के लिए किसान एक हेक्टेयर खेत में प्याज लगानें के कुछ दिन पहले 20 -25 ट्राली गोबर के खाद का प्रयोग कर सकते है।
खेत की तैयारी
प्याज की खेती के लिए जमीन की अच्छे से देखभाल करना जरुरी है। जब भी आप प्याज की खेती करने चलें तो यह ध्यान रखें की ज्यादा खरपतवार वाली जगह पर इसकी खेती न करें। प्याज की खेती के लिए पहली जुताई मिट्टी पलटने वाली हल से करनी चाहिए। इसके बाद किसान 2 से 3 जुताई कल्टीवेटर या हैरा से कर सकते है। जब भी प्याज की खेती के लिए जुताई करें तो यह ध्यान रखें की पाटा का प्रयोग जरूर करें।
बीज की मात्रा
प्याज की खेती किसान बीजों व कंद को बोकर उगाते है। इसकी बुवाई के लिए प्रति हेक्टेयर 8-10 किलों बीज की जरुरत पड़ती है। बीज उत्पादन के लिए भी इसकी देखभाल अच्छे से करनी चाहिए।
प्याज की खेती के लिए सही समय
प्याज की खेती रबि और खरीफ दोनों मौसम में आसानी से कर सकते है। खरीफ के समय में प्याज की अच्छे से उत्पादन के लिए अगस्त-सितंबर का महीना सबसे अच्छा माना जाता है। इसके लिए किसान अच्छे से रोपाई कर सकते है। वहीँ अगर किसान रबी के मौसम में प्याज का उत्पादन करना चाहते है तो जनवरी से फरवरी में इसकी खेती करना अच्छा माना गया है। किसान को खरीफ की फसल के लिए प्याज की नर्सरी 15 जून से 15 जुलाई के बीच तैयार कर लें तभी अधिक पैदावार होगी।
सिंचाई एवं जल निकास
जब आप प्याज के फसल की रोपाई करें उसके तुरंत बाद सिचाई कर दें। अन्यथा सिचाई में देर की वजह से पौधे मरने लगते है। अगर आप खरीफ के मौसम में प्याज ऊगा रहें है तो मौसम के जानें के बाद इसकी सिचाई जरूरत के अनुसार कर सकते है। लेकिन किसान भाइयों को इस बात का ध्यान रखना होगा की
रबी और खरीफ में कंद निर्माण के समय प्याज को भरपूर पानी दें। जिससे उसकी पैदावार काफी अच्छी देखी गयी है। अगर इस अवस्था में पानी की कमी होती है तो पैदवार भी प्रभावित होता है। लेकिन यह भी ध्यान रहें कि प्याज को जरूरत के अनुसार ही पानी दें नहीं तो यह कई तरह के रोगों को भी जन्म दे सकता है , जिससे पूरी फसल बर्बाद हो जाएगी।
प्याज के खेत को ज्यादा लम्बे समय तक सूखा रखना भी हानिकारक होता है। अगर आप प्याज के खेत को ज्यादा समय तक सूखा रखते है तो प्याज के कंद फट जाते है और फसल जल्दी पक जाती है , जिसकी वजह से इसके पैदावार में काफी कमी हो सकती है। इसलिए किसान भाइयों को समय – समय पर प्याज को सींचना जरुरी है।
खरपतवार नियंत्रण
प्याज के खेत में खरपतवार निकलना आम बात है लेकिन इस समस्या का जल्द से जल्द निराकरण करना चाहिए नहीं तो पूरी फसल बर्बाद हो जाती है। इसके लिए किसान गर्मी के मौसम में गहरी जुताई के साथ कृषिगत और शस्य क्रियाएँ अपना सकते है। फसल को खरपतवारों से छुटकारा पानें के लिए आप 3 -4 बार निराई -गुड़ाई भी कर सकते है। क्योंकि प्याज की फसल को नजदीक में उगाया जाता है तथा इसकी जड़ें भी उथली होती है।
कीट एवं रोग नियंत्रण
प्याज की खेती को अगर समय पर न किया जाये तो इसकी फसल को काफी नुकसान पहुँचता है। जिससे किसान को काफी घाटे का सौदा करना पड़ता है। इसलिए किसान भाइयों को इसमें लगने वाले रोगों और कीटों को जल्द से जल्द खत्म करना चाहिए नहीं तो पूरी फसल बर्बाद हो जाती है। प्याज में लगने वाले कीटों और रोगों के लिए आप GEEKEN CHEMICALS के कीटनाशक का प्रयोग कर सकते है। इसके प्रयोग से कुछ दिन के भीतर ही रोग समाप्त हो जायेंगे और प्याज की पैदावार भी बढ़ेगी। आप अगर GEEKEN CHEMICALS के कीटनाशक को खरीदना चाहते है तो इसके लिए हमारे पास कॉल (+91 – 9999570297)भी कर सकते है।
कंदों की खुदाई
प्याज के खुदाई के समय किसान को सबसे पहले इसकी फसल को सिचाई कर देना चाहिए। लेकिन यह सिचाई 10 से 15 दिन पूर्व होनी चाहिए , जिसके बाद पौधों के शीर्ष को पैर की मदद से कुचल देना चाहिए। इसका फायदा यह होता है कि कांड मजबूत होते है और उनकी वृद्धि रुक जाती है। जिसके बाद आप इनके कंदो को खोदकर कतारों में सूखा सकते है। लेकिन इसके भंडारण का भी किसान भाइयों को विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए नहीं तो कभी – कभी प्याज भंडारण में भी सड़ने लगती है।
पैदावार
अगर आप हमारे बताये हुए विधि के अनुसार प्याज की खेती करते है तो आपको अच्छा मुनाफा हो सकता है। लेकिन यह ध्यान रहें कि इसमें ज्यादा खरपतवार न उगने पाएं नहीं तो पूरी फसल ख़राब हो सकती है।
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निष्कर्ष
आज हमने जाना कि प्याज की उन्नंत खेती कैसे कर सकते है। आप यह ब्लॉग GEEKEN CHEMICALS के माध्यम से पढ़ रहें है। आशा है कि किसान भाइयों को हमारा यह ब्लॉग बहुत पसंद आया होगा। आप हमारे इस ब्लॉग को अपने सोशल मीडिया के माध्यम से शेयर भी कर सकते है। जिससे और भी किसान अपनी खेती को लेकर जागरूक हो सकें। आप हमारे कमेंट बॉक्स में खेती से जुडी प्रश्न भी पूछ सकते है या फिर हमारे दिए हुए नंबर पर कॉल (+91 – 9999570297) भी कर सकते है।
अगर आप अपने फसलों को बिना किसी नुकसान के पैदा करना चाहते है तो GEEKEN CHEMICALS का प्रयोग जरूर करें। आज भारत के किसान GEEKEN CHEMICALS पर लगातार अपना भरोसा जता रहें है। हम भी उनकी फसलों को अच्छी गुणवत्ता प्रदान करने के लिए लगातार प्रयासरत है।
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