दिसंबर में उगाई जाने वाली सब्जियां , जिसकी खेती करके किसान हो जाएंगे मालामाल
GEEKEN CHEMICALS :- किसान भाइयों आप सभी को मेरा नमस्कार, आज हम बात करने जा रहें है दिसंबर में उगाए जानें वाली तीन सब्जियों के बारे में। आखिर कब इन सब्जियों की बुवाई की जाती है , सिंचाई तुड़ाई कब कैसे करें इत्यादि चीजों के बारे में आज हम आपको बताएंगे। तो आइए शुरू करते है आज का यह ब्लॉग और हमारी यह पोस्ट पसंद आये तो आप इसे शेयर जरूर करें और अगर खेती से जुड़ी कोई जानकारी चाहिए तो कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।
आप यह ब्लॉग GEEKEN CHEMICALS के माध्यम से पढ़ रहें है। हम आपके लिए कृषि जगत से जुड़ी जानकारी पहुचानें का काम करते है। अगर आप बेहतर तरीके से फसल का उत्पादन करना चाहते है तो हमारे ब्लॉग को पढ़ते रहें। GEEKEN chemicals अलग – अलग तरीके का कीटनाशक बनाती है जिसके प्रयोग से किसान अपने फसलों का उत्पादन बढ़ा सकतें है , साथ ही खरपतवार और रोग को आसानी से खत्म कर सकते हैं।
सेम (Beans)
सेम की खेती भारत में प्रमुखता से की जाती है , किसान इसकी खेती करके अच्छा पैसा कमा सकते है। सेम में कई तरह की किस्म पाई जाती है , जिनमें अगेती और पछेती किस्में प्रमुख है। किसान भाइयों अगर हम जलवायु और तापमान की बात करें तो सेम की खेती ज्यादा पाला वाली जगह पर नहीं करनी चाहिए। किसान चाहें तो इसकी खेती हल्की ठंड वाली जगह पर आसानी से कर सकते हैं।
सेम की खेती के लिए उचित जल निकासी वाली भूमि की जरूरत होती है। किसान भाइयों को यह ध्यान देना होगा कि भूमि अम्लीय व क्षारीय न हो , वहीं भूमि का पी एच मान 5.3-6.0 तक होना चाहिए। इसकी खेती दोमट मिट्टी के अलावा चिकनी मिट्टी में की जा सकती है। इसके खेती के लिए बुवाई का समय जनवरी के दूसरे सप्ताह से लेकर फरवरी के अंतिम सप्ताह तक की जाती है।
सेम की बुआई कैसे करें
सेम की बुवाई के लिए किसान भाइयों को प्रति हेक्टेयर 5 -7 किलो बीज की जरुरत पड़ती है। इसकी खेती करने से पहले किसान भाइयों को चौड़ी क्यारियां बनानी पड़ती है। इन क्यारियों के बीच की दूरी करीबन 1.5 से लेकर 2.0 फीट तक होनी चाहिए। इसके बीज 1 सप्ताह के भीतर अंकुरित होने लगते है। सेम के पौधे को बल्लियों का सहारा देकर भी अच्छी पैदावार किया जा सकता है।
सेम की सिंचाई कब करें
किसान भाइयों सेम की खेती करते समय यह ध्यान देना चाहिए की दोमट मिट्टी में इसे बहुत कम सिचाई की जरूरत पड़ती है। सेम की खेती किसान अगर बलुई मिट्टी एवम चिकनी मिट्टी में कर रहे है तो इसके लिए अधिक सिचाई की जरूरत पड़ेगी। जून – जुलाई के मौसम में किसान इसकी खेती कर रहें है तो बारिश का ध्यान रखकर इसकी सिंचाई करें।
सेम के खरपतवार और रोग
सेम की फसल में भी कई तरह के रोग व खरपतवार दिखाई पड़ते है। ऐसे में किसान समय रहते इन खरपतवार और रोग को खत्म करने के लिए रासायनिक कीटनाशक दवाई का प्रयोग कर सकते है। अगर सेम के खेत में खरपतवार और रोग ज्यादा है तो किसान Best agrochemical companies in India के द्वारा निर्मित कैमिकल का प्रयोग करना चाहिए। आज के समय में GEEKEN CHEMICALS COMPANY सबसे अच्छे तरीका का कीटनाशक बनाती है।
सेम की तुड़ाई कब करें
किसान भाइयों जब सेम की फलियां पूरी तरह से कोमल हो जाए तब इसकी तुड़ाई कर लेनी चाहिए। सेम की तुड़ाई अगर देरी से करेंगे तो इसकी फलियां कठोर हो जाती है और इसमें रेशे लगने लगते है। इसलिए किसान भाइयों एक तय समय के हिसाब से इसकी तुड़ाई कर लेनी चाहिए।
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मेथी (Fenugreek)
किसान भाइयों अगर आप मेथी की अच्छी खेती करना चाहते है तो, इसके लिए ठंडी जलवायु की जरूरत पड़ेगी। इसकी खेती के लिए सभी प्रकार के मिट्टी में की जा सकती है लेकिन मेथी के लिए बलुई , दोमट मिट्टी सबसे ज्यादा अच्छी मानी जाती है किसान भाइयों आज के समय में मेथी की कई किस्म हमारे बाजारों में उपलब्ध है , जिसकी बुवाई करके अच्छा पैसा कमाया जा सकता है। खेत तैयार होने के बाद किसान मिट्टी पलटने वाले हल से एक बार गहरी जुताई कर सकते हैं। बुवाई करते समय यह हमेशा ध्यान रखना चाहिए की खेत में नमी होना जरुरी है।
मेथी की बुआई कब और कैसे करें
मेथी की खेती उत्तरी भाग में अक्टूबर से दिसंबर के प्रथम सप्ताह तक की जाती है, वहीं पहाड़ी क्षेत्रों में इसकी खेती मार्च से मई के महीने में की जाती है। भारत के कुछ ऐसे भी राज्य है जहां पर इसकी खेती इसे रबी व खरीफ दोनों मौसम में उगाया जा सकता है। मेथी की खेती के लिए किसान को प्रति हेक्टेयर 20 -25 किलो बीज की जरूरत पड़ती है। मेथी की खेती करते समय यह ध्यान रहें कि छिटकाव विधि से इसकी खेती करना सही और फायदेमंद होता है।
मेथी की सिंचाई कब करें
ठंड के मौसम में इसकी दो सिंचाई करनी चाहिए , किसान इसकी पहली सिचाई के बाद करीब 15 -20 दिनों का अंतर रख सकते है। गर्मी के मौसम में अगर मेथी की खेती कर रहें है तो 15 -20 दिन का अंतर सही होता है। किसान भाइयों को एक बात का ध्यान रखना होगा की इसकी पहली सिचाई में 4-6 पत्ते आने पर कर दें। ऐसे समय में खेती करने से खेत में खरपतवार कम उगते है।
मेथी की खेती करते समय अगर फसल में खरपतवार दिखाई पड़ रहें है तो किसान जीकेन केमिकल्स के द्वारा बनें खरपतवारनाशी का प्रयोग कर सकते हैं। जीकेन के द्वारा बना खरपतवारनाशी कैमिकल आसानी से नजदीकी दुकानों पर उपलब्ध है।
मेथी की कटाई कब और कैसे करें
बुवाई के लगभग 30 -40 दिन के बाद इसकी पहली कटाई कर देनी चाहिए। उसके बाद किसान 15 -15 दिन के अंतराल पर इसकी कटाई कर सकते हैं। पौधे के ऊपरी भाग में जब पत्तियां पीली पड़ जाए तो इसकी कटाई की जा सकती है। इसके फल जब पूरी तरह से सुख जाएं तो साफ कर लें। मेथी के फल साफ़ करने के बाद किसान इसे अच्छे दामों में बेच सकते है।
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चुकंदर (Sugar Beets)
चुकंदर की खेती भी ठंड के मौसम में की जाती है यानि की ठंड कई मौसम में किसान अगर चुकंदर उगाते है तो अच्छा पैसा कमाया जा सकता है। चुकंदर की खेती के लिए 10 -20 डिग्री तापमान की जरुरत पड़ती है। चुकंदर की खेती भारत में प्रमुखता से की जाती है।
चकुंदर के लिए उपयुक्त मृदा कैसे चुनें
चुकंदर की खेती सभी तरह की मिट्टी में की जाती है लेकिन अच्छे तरीके से इसकी खेती के लिए जल निकास वाली दोमट या बलुई मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है। अगर हम चुकंदर की खेती के लिए पी एच मान की बात करें तो करीबन 6-7 पी एच मान इसके लिए सही होता है।
चकुंदर का खेत कैसे तैयार करें
किसान भाइयों अगर आप चुकंदर की खेती करने जा रहें है तो 2-3 बार इसके खेती की जुताई अवश्य कर दें। अगर इसकी खेती चिकनी मिट्टी में करने जा रहें है तो इसकी खेती मिट्टी पलटनें वाले हल से कर दें। किसान जुताई करने के बाद 3 -4 जुताई करने के बाद पाटा जरूर चलाएं। जब मिट्टी भुरभुरी हो जाए तो क्यारियां बना लें।
चकुंदर की बुआई कैसे करें
किसान भाइयों बुवाई करने से पहले बीज को हमेशा 8 -10 घंटे पहले भिगो देना चाहिए और बाद बीज को कुछ समय के लिए सूखा लें। बीज के सूखने के बाद आप आसानी से इसकी बुवाई कर सकतें है। पहली दो सिंचाई 15 -20 दिन के अंतराल पर करनी चाहिए। उसके बाद किसान भाई 20 -25 दिन के अंतराल पर इसकी सिंचाई कर सकते है। चुकंदर को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है इसलिए यह ध्यान रहें कि कभी भी अधिक पानी अपने खेतों में न लगनें दें। अगर चुकंदर की खेती करते समय इसमें खरपतवार और रोग का प्रकोप दिखाई पड़ रहा है तो आप Best agrochemical company in India के द्वारा निर्मित कीटनाशक कैमिकल का प्रयोग कर सकते हैं।
निष्कर्ष :-
इस ब्लॉग में हमनें जाना की दिसंबर के महीने में कौन से तीन सब्जी को उगाया जा सकता है , जिसे उगाकर किसान अच्छा पैसा कमा सकते हैं। आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई होगी अगर आप किसी अन्य फसल के बारे में जानना चाहतें है तो कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। GEEKEN CHEMICALS सबसे अच्छे तरीके की रासायनिक कीटनाशक बनाने वाली कंपनी है , जिसका प्रयोग करके किसान अपने फसल का उत्पादन बेहतर तरीके से कर रहें है। अगर आप हमारे कीटनाशक को खरीदना चाहतें है तो (+91 – 9999570297) कॉल करें। अब आप हमसे Youtube पर भी जुड़ सकते हैं।