किसान भाइयों हमारे देश में वैसे तो कई फसलों की खेती की है लेकिन कुछ ही फसल ऐसी है जिनके जरिए हम अच्छा पैसा कमा सकते है। आज के समय में अहमारे पास तरह – तरह की तकनीकी है जिसका प्रयोग करके खेती को और भी आसान बनाया जा सकता है। आज के समय में किसान भाइयों को सबसे ज्यादा दिक्क्त मौसम में परिवर्तन और हर साल होने वाली आपदा बाढ़, बारिश और सूखा की वजह से होता है। किसान अपनी खेती करने के लिए लाखों रुपए लगा देते है लेकिन पैदावार भी अच्छा नहीं हो पाता। ऐसे में किसान सरकार से गुहार लगते है हमारे देश की सरकार भी किसान भाइयों की मदद करने के लिए हमेशा तत्पर है। सरकार भी तरह – तरह की योजना लाकर इन किसानों की मदद करती है। किसान आज के समय में बेहतर तकनीकी का प्रयोग करके खुद भी फसल का अच्छा उत्पादन कर सकते है और अपनी आमदनी को बढ़ा सकते है। ऐसे में आज हम किसान भाइयों को उन फसलों के बारे में बतानें जा रहें है , जो कम समय में अच्छी कमाई करवा सकती है। किसान भाइयों से निवेदन है कि ब्लॉग को पूरा पढ़ें और अच्छा लगे तो शेयर भी जरूर करें।
आप यह ब्लॉग GEEKEN CHEMICALS के माध्यम से पढ़ रहें है। हम किसान भाइयों तक कृषि से जुड़ी जानकारी पहुंचानें का काम करते है। किसान अपने बेहतर फसल उत्पादन के लिए हमें फॉलो कर सकते है। किसान भाइयों इसके अलावा GEEKEN CHEMICALS फसलों के बेहतर उत्पादन के लिए कई तरह के कीटनाशक भी बनाता है , जिसका प्रयोग करके किसान अपने फसलों में लगने वाले कीड़े , रोग , कवक , खरपतवार इत्यादि को आसानी से खत्म कर सकते हैं। हमारे कीटनाशक को खरीदनें के लिए आप ऑनलाइन तरीका अपनाकर खरीद सकते हैं।
जीरा एक तरह का औषधीय गुण वाला पौधा है जिसके खेती करके किसान अच्छा पैसा कमा सकते है। बाजार में भी जीरा की मांग हमेशा बनी रहती है , जिसकी वजह से आम आदमी इसकी दुगनी कीमत देकर भी खरीदते है। इसकी खेती के लिए बलुई और दोमट मिटटी सबसे अच्छी मानी जाती है। ऐसे में किसान इसकी खेती भी बहुत आसानी से कर सकते हैं। बुवाई करने से पहले किसान भाइयों को यह ध्यान रखना होगा की खेत की तैयारी अच्छे से होनी चाहिए , खेत में ज्यादा खरपतवार नहीं होने चाहिए। जिससे इसका उत्पादन अच्छे से किया जा सके। किसान जीरा की खेती करने से पहले खेत की जुताई अच्छे से कर दें , जिससे मिट्टी पूरी तरह से भुरभुरी हो जाए। जुताई करने के बाद कुछ दिनों तक खेत को धूप लगने के लिए ऐसे ही छोड़ दें, जिससे खेत में फैल रहे हानिकारक तत्व खत्म हो जाए।
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जीरा की खेती करते समय दूसरी जो जरुरी चीज है वह यह है कि इसके बीज का चुनाव भी अच्छे से करना चाहिए। आज के समय में हमारे बाजारों में तरह – तरह के बीज बिक रहें है जिसकी वजह से कई बार खेत में खरपतवार उग जाते है। ऐसे में बीजों का चुनाव बहुत ही सोच समझकर करना चाहिए। जीरे की बुवाई के कुछ दिन बाद इसके पौधे में हानिकारक रोग कीट खरपतवार इत्यादि का प्रकोप होता है। ऐसे में किसान भाई को एक अच्छी कंपनी के द्वारा बनें खरपतवारनाशी कैमिकल का प्रयोग करना चाहिए। भारत में GEEKEN CHEMICALS सबसे अच्छे तरीके का कीटनशक बनाता है। किसान हानिकारक कीड़ों को खत्म करने ने लिए बाजार से इसे खरीदकर प्रयोग कर सकते है।
आज के समय में देश की 80 फीसदी आबादी जीरा की खेती कर रही है। जीरा का सबसे ज्यादा उत्पादन गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों में किया जाता है। अगर हम राजस्थान की बात करें तो देश के कुल उत्पादन का करीब 28 फीसदी जीरे की खेती यहां पर की जाती है। अब बात करते है इसके कमाई की तो जीरे का साधारण तौर पर उत्पादन 7-8 क्विंटल बीज प्रति हेक्टयर आसानी से हो जाता है। जीरे की खेती करने के लिए 30,000 से 35,000 रुपये प्रति हेक्टयर तक का खर्च आता है। एक अनुमान के मुताबिक अगर हम जीरे की कीमत 100 रुपये प्रति किलो मान लें तो 40000 से 45000 रुपये प्रति हेक्टयर कमाया जा सकता है। अगर किसान इसकी खेती और बड़े भू – भाग में करते है तो कमाई भी अच्छी हो सकती है।
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गन्ने की खेती से पैसे कमाए
गन्ना की खेती हमारे देश में नगदी फसल के रूप में किया जाता है। इसकी बुआई फरवरी – मार्च में की जाती है। किसान अगर अच्छे तरह से इसकी पैदावार चाहतें है तो गन्ने की बिजाई मार्च के अंत तक कर देना चाहिए। गन्ने की बुवाई करने से पहले इसके बारे में जानकारी रखना भी जरुरी है , क्योंकि जानकारी न होने के कारण पैदावार पूरी तरह से प्रभावित हो जाती है। गन्ने की खेती में बीजों का विशेषरूप से महत्व है ,किसान जितना अच्छा बीज चुनेंगे पैदावार भी उतनी अच्छी होगी।
कृषि एक्सपर्ट की मानें तो गन्ने की खेती करने से पहले खेत की अच्छे से जुताई करनी चाहिए। किसान मिट्टी पलटने वाले हल से 4 -5 बार गहरी जुताई कर सकते है , जिससे मिट्टी भुरभुरी हो जाए। गन्ने की फसल के अच्छी तरह से पैदावार के लिए किसान खरपतवार और रोग को खत्म करने के लिए सबसे अच्छे कीटनाशक कैमिकल का प्रयोग कर सकते है। गन्ने की खेती के लिए मिट्टी का अहम योगदान होता है किसान अच्छे जल निकासी वाली दोमट मिट्टी का चुनाव कर सकते हैं। गन्ने की अच्छे पैदावार के लिए अगर हम तापमान की बात करें तो तापमान का भी इसकी खेती में अहम योगदान है। गन्ने के लिए आद्र शुष्क जलवायु सबसे अच्छी मानी जाती है वहीं इसके लिए 20 डिग्री का तापमान की जरूरत होती है।
धान की खेती कमाई का जरिया
भारत में धान की खेती खरीफ के फसल के रूप में की जाती है। भारत के ज्यादातर हिस्सों में इसकी खेती मानसून के मौसम में की जाती है। धान की उन्नत खेती के लिए बीज का सही तरीके से चुनाव करना जरुरी है। किसान अगर इसके बीज का चुनाव सही तरीके से नहीं करते है तो पैदावार भी काफी प्रभावित होती है। आज के समय में धान की खेती सीड ड्रिल विधि के द्वारा काफी बड़े भू भाग में की जाती है। किसान इसकी खेती करके अच्छी आमदनी कर सकते है। धान की रोपाई के 20 -40 दिन के बाद इसमें कल्ले दिखाई पड़नें लगते है , यह वही समय होता है जब पौधों को पोषण की सबसे ज्यादा जरूरत होती है , इस दौरान धन की फसल का देखभाल अच्छे से करना चाहिए। बुवाई के बाद अगर धान की फसल में खरपतवार रोग इत्यादि का प्रकोप दिखाई पड़े तो किसान GEEKEN CHEMICALS के द्वारा बनें कीटनाशक का प्रयोग कर सकते हैं। GEEKEN CHEMICALS आज के समय में Best Agro Chemical Companies in India में शामिल है। भारत के किसान लगातार अपना भरोसा GEEKEN CHEMICALS पर जता रहें है।
काले गेहूं की खेती कमाई का जरिया
किसान भाइयों आज के समय में खेती से तब तक अच्छा पैसा नहीं कमाया जा सकता , जब तक हम कुछ अलग तरह के फसल का उत्पादन नहीं करेंगे। ऐसे में किसान भाइयों को समय – समय पर जागरूक रहने की जरूरत है। जिससे फसल का उत्पादन अच्छे तरीके से किया जा सके। हमारे देश में वैसे तो तरह – तरह की फसलों का उत्पादन किया जाता है लेकिन गेहूं उनमें से प्रमुख है। किसान अगर आज के समय में काले गेहूं की खेती करें तो अच्छी पैदावार प्राप्त किया जा सकता है। काला गेहूं बाजारों में सामान्य गेहूं की तुलना में काफी अधिक महंगा बिकता है और इसकी मांग भी बाजारों में हमेशा रहती है। काला गेहूं हमारे शरीर में फैलनें वाले डायबिटीज को कंट्रोल करने में काफी मदद करता है। इसके अलावा काले गेहूं में कई तरह के अन्य विटामिन के गुण पाए जाते है ऐसे में आज के समय में इसकी खेती करना काफी फायदें का सौदा हो सकता है।
काले गेहूं की खेती के लिए ठंड का मौसम सबसे अच्छा माना जाता है। भारत में ज्यादातर किसान गेहूं की बुवाई अक्टूबर मध्य से लेकर नवंबर अंत तक कर देते है। इसकी खेती आम गेहूं की तरह की की जाती है , बस काले गेहूं का ख्याल ज्यादा रखना पड़ता है और आम गेहूं की तुलना में इसकी पैदावार काफी अच्छी होती है।
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निष्कर्ष
आज के इस ब्लॉग में हमनें जाना की भारत में कौन – कौन सी ऐसी फसलें है जिसकी खेती करके किसान अच्छी आमदनी कर सकते है। आशा है कि किसान भाइयों को हमारी यह जानकारी पसंद आई होगी इसलिए हमारे इस ब्लॉग को शेयर जरूर करें। किसान भाइयों GEEKEN CHEMICALS बेहतर फसल उत्पादन के लिए अलग – अलग तरह का कीटनाशक बना रहा है , जिसका प्रयोग करके किसान अपने फसलों में लगने वाले रोगों कीटों खरपतवार को आसानी से खत्म कर सकते हैं। किसान अगर हमारे कैमिकल को खरीदना चाहतें है तो कॉल (+91 – 9999570297) करें।